अपनी प्रकृति की वजह से या किसी बाह्य कारण से,जब कोई भूमि अपनी उर्वरता ख़त्म कर लेती है, तब उसमें वाह्य हस्तक्षेप अवश्यंभावी हो जाता है। यह हस्तक्षेप ऑर्गैनिक या केमिकल फर्टिलाइज़र और पेस्टिसाइड्स के रूप में सामने आते हैं और अगर फिर भी इससे आवश्यकता पूरी नहीं हो पाती तो खाद्य ‘सुरक्षा’ के लिए मिट्टी में ऐसे पौधों को रोपित किया जाना चाहिए जिनमें जेनेटिक बदलाव किया गया हो। इस समय भारत में टीवी न्यूज मीडिया में इसी किस्म के ‘जेनेटिक बदलाव’ की आवश्यकता है क्योंकि पिछले आठ सालों में पत्रकारिता की ज़मीन ने अपनी उर्वरता खो दी है।
क्या सरकार हेट स्पीच पर कार्रवाई का साहस दिखा पाएगी?
- विचार
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- 29 Mar, 2025 
हाल ही में सुप्रीम कोर्ट ने हेट स्पीच पर टीवी एंकरों और सरकार को तमाम नसीहतें दी हैं। कोर्ट ने टीवी एंकरों से कहा कि वो अपनी जिम्मेदारी से बच नहीं सकते। उसने सरकार से कहा कि वो हेट स्पीच पर मूक दर्शक बनी हुई है। वंदना मिश्रा ने यही सवाल किया है कि क्या सरकार अब हेट स्पीच वालों पर एक्शन का साहस दिखा पाएगी। पढ़िए, यह लेख।



































