अंग्रेजी कैलेंडर के लिहाज से 11 अक्तूबर को जयप्रकाश नारायण की जयंती पड़ती है। ग्लैमर और पॉवर में फंसा और लोकतंत्र को विस्मृत कर चुका मीडिया शायद जेपी को भूल चुका है। भारतीय पंचाग के हिसाब से जेपी का जन्म दशहरे के दिन हुआ था। इसलिए उनके चाहने वाले उसे दशहरे के दिन भी मनाते हैं। चूंकि जेपी में तालमेल और समन्वय की गुंजाइश थी इसलिए तिथियों को लेकर न तो जेपी को कोई विवाद होता था और न ही उनके चाहने वालों को होना चाहिए। समन्वय के इसी सवाल पर जेपी को बहुत कोसा जाता है कि उन्होंने न सिर्फ दक्षिणपंथी विपक्षी दलों से तालमेल किया बल्कि फासीवादी संगठन राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ से भी तालमेल किया और देश की लोकतांत्रिक राजनीति में उन्हें केंद्रीय भूमिका सौंप दी।