अंग्रेजी कैलेंडर के लिहाज से 11 अक्तूबर को जयप्रकाश नारायण की जयंती पड़ती है। ग्लैमर और पॉवर में फंसा और लोकतंत्र को विस्मृत कर चुका मीडिया शायद जेपी को भूल चुका है। भारतीय पंचाग के हिसाब से जेपी का जन्म दशहरे के दिन हुआ था। इसलिए उनके चाहने वाले उसे दशहरे के दिन भी मनाते हैं। चूंकि जेपी में तालमेल और समन्वय की गुंजाइश थी इसलिए तिथियों को लेकर न तो जेपी को कोई विवाद होता था और न ही उनके चाहने वालों को होना चाहिए। समन्वय के इसी सवाल पर जेपी को बहुत कोसा जाता है कि उन्होंने न सिर्फ दक्षिणपंथी विपक्षी दलों से तालमेल किया बल्कि फासीवादी संगठन राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ से भी तालमेल किया और देश की लोकतांत्रिक राजनीति में उन्हें केंद्रीय भूमिका सौंप दी।
बांग्लादेश के मुद्दे पर इंदिरा के साथ खड़े थे जेपी
- विचार
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- 29 Mar, 2025

इंदिरा गांधी और जयप्रकाश नारायण
भारतीय पंचांग के हिसाब से जय प्रकाश नारायण की जयंती दशहरे वाले दिन पड़ती है। ग्लैमर और पावर की चकाचौंध में फंसा भारत का जनमानस ऐसी महान शख्सियतों की जयंती भूलता जा रहा है और बॉलीवुड के फिल्म स्टारों का जन्मदिन उसे याद रहता है। जेपी की जब बात होती है तो इंदिरा गांधी का जिक्र जरूर होता है, जिनकी सत्ता को जेपी ने चुनौती दी थी। वरिष्ठ पत्रकार अरुण कुमार त्रिपाठी बता रहे हैं कि जेपी और इंदिरा गांधी के संबंधों का मूल्यांकन महज तीन साल के तीखे टकराव के आधार पर किया जाना उचित नहीं है। पढ़ियेः
लेखक महात्मा गाँधी अंतरराष्ट्रीय हिंदी विश्वविद्यालय में प्रोफ़ेसर रहे हैं। वरिष्ठ पत्रकार हैं।