मुख्य चुनाव आयुक्त सुनील अरोड़ा ने अपने सेवाकाल के अंतिम दिन ऐसा फैसला सुनाया जिसकी गूंज लंबे समय तक लोकतंत्र की दुनिया में सुनाई देती रहेगी। संभव है कि सुनील अरोड़ा जैसे व्यक्ति अपने फैसले की शान बनाए रखें और वैसे किसी सियासी इनाम से खुद को दूर रखें जो पश्चिम बंगाल चुनाव खत्म होने के चंद घंटों के भीतर नयी जिम्मेदारी के तौर पर उन्हें मिल सकता हो।