दुनिया भर में मशहूर इसलामिक विद्वान मौलाना वहीदुद्दीन ख़ान के इंतकाल की ख़बर इसलामी जगत में एक बड़े झटके की तरह है। एक दिन पहले ही उनके बेटे और इसलामी विद्वान सैयद ज़फर उल इसलाम ख़ान ने उनके कोरोना पाज़िटिव होने और अस्पताल में भर्ती कराए जाने की ख़बर दी थी।
इसलामी जगत में खाली जगह छोड़ गए मौलाना वहीदुद्दीन ख़ान
- विचार
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- 22 Apr, 2021

उनके व्यक्तित्व का यह कौन सबसे निराला था और उनके समकालीन इसलामी विद्वानों के बीच उन्हें एकदम अलग खड़ा करता है। व्यक्तिगत तौर पर उनसे मेरी कई बार बातचीत हुई तो मुस्कुरा कर हमेशा एक ही बात कहते थे कि दुनिया में गुमराह लोगों की तादाद ज्यादा है और इस बात की तसदीक कुरान भी करता है, हमारा काम उन्हें नसीहत देना है। समझना नहीं, समझना उनके ऊपर है, हमारा अल्लाह सब देख रहा है।
अगले दिन ही उनके इंतकाल की ख़बर आ गई। उनके जाने से इसलामी विद्वानों की दुनिया में एक ऐसी कमी पैदा हो गई है जिसकी भरपाई बरसों तक नहीं हो पाएगी।
मौलाना वहीदुद्दीन ख़ान के निधन पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद समेत तमाम हस्तियों ने दुख जताया है। पीएम मोदी ने कहा है कि धर्मशास्त्र और आध्यात्मिक ज्ञान के लिए उन्हें हमेशा याद किया जाएगा।