देश के कई शहरों में गर्मी 50 डिग्री तक बढ़ रही है और भारत की गिनती अब दुनिया के उन पहले 10 देशों में हो गई है, जिनमें कोरोना वायरस सबसे ज्यादा फैला है। सरकार ने रेलें, बसें और जहाज तब तो नहीं चलाए, जबकि कोरोना देश में नाम-मात्र फैला था। उसे अब दो माह बाद सुधि आई है लेकिन अब हाल क्या है?
जागो सरकार, भूख-प्यास के चलते स्टेशनों पर हो रही लूटपाट कहीं और न बढ़ जाए
- विचार
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- 27 May, 2020

पानी की बोतलें लूटते लोग।
रेलवे मजदूरों की वापसी तो करवा रही है लेकिन रेल यात्रियों को खाने और पानी के लिए तरसना पड़ रहा है और इस वजह से लूटमार की घटनाएं हो रही हैं। यदि हालात यही रहे तो मान लीजिए कि देश में अराजकता के फैलने की घंटियां बजने लगी हैं और हमारे हवाई अड्डों पर भी शीघ्र ही इसी तरह की लूटपाट के दृश्य दिखने लगेंगे।
सरकार ने जहाज और रेल-टिकट बेच दिए लेकिन हवाई अड्डों और रेलवे स्टेशनों पर हजारों यात्रियों का मजमा लग गया है। उन्हें पता ही नहीं है कि उनके जहाज और रेलें चलेंगी या नहीं या कब चलेंगी। लगभग 3000 श्रमिक रेलें चली हैं, जो कि बहुत अच्छी बात है लेकिन उनका यही पता नहीं कि वे अपने गंतव्य पर कितने घंटे या कितने दिन देर से पहुंचेंगी।