यह वह जगह है जो गुरुवार को दिन के एक बजकर अड़तीस मिनट तक हज़ारों लोगों की चहल-पहल से आबाद थी। हम सोचते होंगे कि एक बड़ी जगह के दो मिनटों में इस तरह श्मशान में बदल जाने बाद कहीं ठहरते तो कहीं रुकते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मन में क्या विचार उठ रहे होंगे? वे कुछ तो ज़रूर सोच रहे होंगे! ग्यारह सालों की दिल्ली में हुकूमत के दौरान इतनी बड़ी राष्ट्रीय दुर्घटना पहली बार! वह भी अपने ही उस गृह राज्य में जहां वे बारह साल मुख्यमंत्री रहे! 268 मौतें एक साथ, दो मिनट में! हज़ार डिग्री के तापमान में! किसी भी श्मशान में शरीर के राख में बदलते वक्त इतना तापमान नहीं होता!
अहमदाबाद में मोदी जी इस समय क्या सोच रहे होंगे?
- विचार
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- 13 Jun, 2025

अहमदाबाद में हुए विमान हादसे की त्रासदी के बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी घटनास्थल पर पहुंचे। सवाल है—क्या गुजर रहे होंगे उनके मन में?
हम कल्पना कर सकते हैं कि प्रधानमंत्री कई बातें एक साथ सोच रहे होंगे! बड़े लोगों को कई काम एक साथ करना होता है। मोदी जी उन लोगों की तरह तो निश्चित ही नहीं सोच पा रहे होंगे जो अहमदाबाद के भव्य सरदार पटेल अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर अपने प्रियजनों को विदाई देने पहुँचे होंगे और डिपार्चर टर्मिनल पर उनके आँखों से ओझल होने तक हाथ हिलाते रहे होंगे। जिन्होंने बार-बार याद दिलाया होगा कि लंदन पहुँचते ही फ़ोन करके सूचना दे देना!