केंद्र में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी सरकार के सात साल पूरे हो गए। अटल बिहारी वाजपेयी के बाद वे दूसरे ग़ैर-कांग्रेसी प्रधानमंत्री हैं, जिन्होंने लगातार सात साल अपनी सरकार के पूरे कर लिए हैं, लेकिन वाजपेयी सरकार के मुक़ाबले मोदी सरकार ज़्यादा स्पष्ट बहुमत वाली मज़बूत सरकार है और मोदी सबसे लोकप्रिय प्रधानमंत्री।
मोदी के सात साल: आयेगा तो मोदी ही!
- विचार
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- 30 May, 2021

पिछले कार्यकाल की तरह मोदी के पास अरुण जेटली जैसा ‘राजनीतिक सलाहकार’ नहीं है, अनुभवी नितिन गडकरी और राजनाथ सिंह पर भरोसा शायद नहीं किया जाता, लेकिन अमित शाह एक ‘मज़बूत दीवार’ की तरह उनके साथ खड़े हैं। दूसरी तरफ़ विपक्ष के पास ना एकजुटता है, ना विश्वसनीय नेतृत्व और ना ही कोई उम्मीद भरा कार्यक्रम...।
अपने पहले आम चुनाव साल 2014 में बीजेपी को 282 सीटें मिलीं फिर 2019 के चुनावों के वक़्त जब बहुत से राजनीतिक विशेषज्ञ अपने-अपने कयास और बीजेपी के गिरते ग्राफ़ की संभावना जता रहे थे तब पिछली बार से भी ज़्यादा ताक़त 303 सांसदों के साथ मोदी ने वापसी की। कहने भर को यह एनडीए की सरकार है, लेकिन आँकड़ों के हिसाब से यह सिर्फ़ बीजेपी की सरकार है और राजनीतिक विशेषज्ञों के मुताबिक़ इसे सिर्फ़ नरेन्द्र मोदी की सरकार कहा जाना चाहिए। अब तो बीजेपी समेत ज़्यादातर लोग मानते हैं कि इस सरकार में सारे निर्णय प्रधानमंत्री करते हैं, यहाँ तक कि सामूहिक नेतृत्व की औपचारिकता का दिखावा भी नहीं रह गया है।