अन्ना आये, अनशन आया, 2014 में नयी सरकार आयी लेकिन लोकपाल नहीं आया। देश को बताया गया कि अब लोकपाल की ज़रूरत नहीं है क्योंकि लोकपाल का बाप यानी चौकीदार आ चुका है। ‘भूतो ना भविष्यवति’ वाला पद है, चौकीदार। चौकीदारी एकदम बिंदास चली ‘मैं ही मैं हूँ, दूजा कोई नहीं’ वाले अंदाज़ में। लेकिन अचानक जब चोर-चोर का शोर उठा तो मालूम हुआ कि चौकीदारी जन-धन योजना में बदल दी गई है। सब्सिडी के डायरेक्ट ट्रांसफ़र की तरह चौकीदारी ट्रांसफ़र की जा रही है। ‘मैं भी चौकीदार’ का स्लोगन रातो-रात ऐसा चला कि ‘मी टू’ से हलाल हुए मंत्रीजी भी बोल पड़े— मैं भी हूँ चौकीदार। मोदीजी जो भी करते हैं, वह मास्टर स्ट्रोक होता है। लेकिन ये वाला तो हेडमास्टर स्ट्रोक है।