मात्र सात मिनट में पास हुए जिस ऑनलाइन गेमिंग बिल की चर्चा कहीं नहीं हुई और राष्ट्रपति ने भी दस्तखत करके जिसे कानून बना दिया, उसका असर हर कहीं दिखने लगा है। इस बिल को ‘ढक’ लेने वाला पीएम-सीएम करप्शन बिल तो अपने हिसाब से राजनैतिक हंगामा कराके जेपीसी में चला गया है और विपक्ष के खुले विरोध से अटक सा गया है क्योंकि संविधान संशोधन वाला यह कानून अकेले एनडीए से पास नहीं हो पाएगा। उसकी चर्चा भी मुरझा गई है, लेकिन 3.9 अरब डॉलर के धंधे और हजारों करोड़ के विज्ञापन के धंधे के चलते गेमिंग कानून में बदलाव का असर हर कहीं दिखने लगा है।