प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 26 अप्रैल को एक मीडिया हाउस के समिट में ऐसा चुटकुला सुनाया जिसे सुनना किसी भी संवेदनशील व्यक्ति के लिए तक़लीफ़देह था। यह चुटकुला एक प्रोफ़ेसर साहब पर था जिन्हें बेटी की ख़ुदकुशी का नोट मिलता है लेकिन वे ग़लत स्पेलिंग को लेकर परेशान हो उठते हैं।
चुटकुला सुनाते पीएम और युवा खुदकुशी के बढ़ते मामले
- विचार
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- 29 Mar, 2025
प्रधानमंत्री हंसी मजाक क्यों नहीं कर सकते लेकिन प्रधानमंत्री किसी की आत्महत्या का मजाक कैसे उड़ा सकते हैं। तमाम आर्थिक हालात, सामाजिक समस्याओं, बीमारियों की वजह से लोग खुदकुशी कर रहे हैं। क्या ये सारे लोग मजाक के पात्र हैं। देश में जिस तरह बेरोजगारी से तंग होकर युवक जान दे रहे हैं, वो मजाक का नहीं चिन्ता का विषय होना चाहिए।
