राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सौ साल पूरे होने पर पीएम मोदी ने तीन बार प्रतिबंधित रहे इस संगठन की आज़ादी के आंदोलन में भूमिका और ‘अंग्रेज़ों का अत्याचार सहने’ का खुला झूठ बोलते हुए जो सिक्का जारी किया उसमें भारत माता के हाथ में तिरंगा नहीं उसी ‘भगवा-ध्वज’ की प्रतिकृति है जो संघ की शाखाओं में फहराया जाता है। मोदी सरकार की यह हरक़त भारत के राष्ट्रीय ध्वज, संविधान और स्वतंत्रता संघर्ष में दी गयी क़ुर्बानियों का ही नहीं, सीमा पर शहीदों होने वाले उन सैनिकों का भी अपमान है जो तिरंगे में लिपटकर अपने घर वापस आते हैं।
भगवा-ध्वज का सिक्का चलना संविधान को चुनौती!
- विचार
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- 2 Oct, 2025

पीएम ने आरएसएस शताब्दी समारोह में भारत माता का चित्र वाला सिक्का जारी किया
आरएसएस शताब्दी समारोह में पीएम ने भारत माता का चित्र वाला स्मारक सिक्का जारी किया, जिसमें तिरंगे की जगह भगवा झंडा दिखाया गया है। क्या यह संविधान और राष्ट्रीय प्रतीकों का उल्लंघन है?
संविधान पर ‘हमलावर’ होने के तमाम आरोपों को नकारते हुए प्रधानमंत्री मोदी बार-बार संविधान को माथे पर लगाने की तस्वीर खिंचवाते हैं, लेकिन हक़ीक़त ये है कि उनका यह सिक्का संविधान की आत्मा को दाग़ने जैसा है। पीएम मोदी जानते हैं कि अभी गुरु गोलवलकर की तरह अपने सपनों के ध्वज को लेकर सच बोलने का समय नहीं आया है।