राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सौ साल पूरे होने पर पीएम मोदी ने तीन बार प्रतिबंधित रहे इस संगठन की आज़ादी के आंदोलन में भूमिका और ‘अंग्रेज़ों का अत्याचार सहने’ का खुला झूठ बोलते हुए जो सिक्का जारी किया उसमें भारत माता के हाथ में तिरंगा नहीं उसी ‘भगवा-ध्वज’ की प्रतिकृति है जो संघ की शाखाओं में फहराया जाता है। मोदी सरकार की यह हरक़त भारत के राष्ट्रीय ध्वज, संविधान और स्वतंत्रता संघर्ष में दी गयी क़ुर्बानियों का ही नहीं, सीमा पर शहीदों होने वाले उन सैनिकों का भी अपमान है जो तिरंगे में लिपटकर अपने घर वापस आते हैं।