फ़िल्म ‘पठान’ की हज़ार करोड़ी कामयाबी ने पस्त पड़ते अरबों रुपए के कारोबार वाले मुंबई के फ़िल्म उद्योग में उम्मीदें जगा दी हैं कि ‘भक्तों’ के बॉयकॉट कॉल के आह्वान के बावजूद दर्शक घरों से बाहर निकलकर सिनेमाघरों की ओर रुख़ करने साहस जुटा सकते हैं और वह अब थमने वाला भी नहीं है। राहुल गांधी की महत्वाकांक्षी ‘भारत जोड़ो यात्रा’ को मिली देशव्यापी कामयाबी ने भी लगातार छापों और गिरफ़्तारियों के कारण निराशा में डूब रहे विपक्ष में आत्मविश्वास भर दिया है कि जनता के मन से सरकार का ख़ौफ़ अब ख़त्म हो रहा है और 2024 के चुनावों में उसे सत्ता से बाहर किया जा सकता है।
जनता ने डरना बंद कर दिया है, ज़िम्मेदारी अब राहुल पर है!
- विचार
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- 29 Mar, 2025

देश की नज़रें इस समय कांग्रेस के रायपुर अधिवेशन पर हैं। क्या इसमें कुछ ठोस होगा? क्या राहुल के गुणगान से ज़्यादा भी कुछ होगा और विपक्षी एकता को लेकर क्या राहुल गांधी कुछ करेंगे?
सवाल यह है कि राहुल की चार हज़ार किमी की सड़क यात्रा मोदी सरकार की 2024 तक की चार हज़ार दिनी सत्ता-यात्रा पर इतनी भारी पड़ सकेगी या नहीं कि विपक्षी दलों के लिए सत्ता में वापसी के रास्ते खुल जाएँ? ऐसा नहीं हुआ तो उसके राजनीतिक परिणाम देश के लिए किस तरह के होंगे? क्या मोदी इतनी आसानी से सत्ता तश्तरी पर रखकर विपक्ष को सौंप देंगे और गुजरात लौट जाएँगे?