गणाधिपति का विसर्जन हो रहा है। उनके एक पखवाड़े के प्रवास के बाद विसर्जन मन को दुखी करता है लेकिन गणेश जी को जाना भी है। बहुत से काम हैं उनके पास । बहुत से विघ्नों का हरण करना है उन्हें। मैंने भी आज श्रीजी को भावपूर्ण विदाई दी। दरअसल श्रीजी हमारे जनमानस को भविष्य में बहुत सी विदाइयों के लिए संकेत देकर गए है। उनके जाते ही एक और मौक़ा है नफरतों का पिंडदान करने का और अपने उन पूर्वजों के प्रति शृद्धा व्यक्त करने का जो जाने-अनजाने मार्गदर्शक मंडल में डालकर हमेशा के लिए भुला दिए गए।
नफरत के पिंडदान का यही सही समय है
- विचार
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- 29 Mar, 2025
गणेश जी ने हमें रास्ता दिखाया कि यदि घर में गलती से कोई गोबर गणेश आ गया हो तो उसकी पूजा भी कीजिये और सही मुहूर्त में उसे विदाई देकर विसर्जित भी कीजिये। नफरत और नेताजी का पिंडदान एकसाथ कर दीजिए।
