सलमान खुर्शीद ने अपनी किताब 'सनराइज ओवर अयोध्या' में हिंदुत्व की तुलना बोको हरम और आईएसआईएस से करके क्या दक्षिणपंथी राजनीति को बैठे-बिठाए एक अवसर दे दिया है? जाहिर है, इस समय देश की गिरती आर्थिक स्थिति, महंगाई और बेरोजगारी जैसे मुद्दों पर सरकार घिरी हुई है। इन मुश्किलों से निकलने के लिए सरकार को कोई रास्ता नहीं सूझ रहा है।

पिछले तीन दशक में ईसाई मिशनरी कार्यकर्ताओं से लेकर वामपंथी बुद्धिजीवियों की हत्याओं में हिंदुत्ववादी संगठनों का नाम आया है। यूपीए शासन के दौरान हुई कुछ आतंकवादी घटनाओं को अंजाम देने के आरोप हिंदू कट्टरपंथियों और संगठनों पर हैं।
नोटबंदी से शुरू हुई आर्थिक बदहाली जीएसटी को लागू करने के तरीकों और अपने करीबी उद्योगपतियों को फायदा पहुंचाने के लिए लागू की गई नीतियों के कारण अर्थव्यवस्था पटरी से उतर गई।
कोरोना काल में आर्थिक हालात बेकाबू हो गए। ऊपर से चीनी घुसपैठ और आक्रामकता के कारण सीमाओं को चाक चौबंद रखने के कारण रक्षा खर्च बढ़ गया। इस कारण आर्थिक हालत और खस्ता हो गई। नरेंद्र मोदी चीन को लाल-लाल आंखें दिखाने की हिम्मत नहीं कर पा रहे हैं। चीन का रवैया हमेशा से पीठ में छुरा घोंपने वाला रहा है।
लेखक सामाजिक-राजनीतिक विश्लेषक हैं और लखनऊ विश्वविद्यालय के हिन्दी विभाग में असि. प्रोफ़ेसर हैं।