बांग्लादेश में पाँच अगस्त 2024 को शेख हसीना वाजिद के तख्तापलट के बाद भारत में बांग्ला राष्ट्रवाद को लेकर चर्चाएं जोरों पर हैं। भारत के लोगों में यह आम धारणा है कि वहां के राष्ट्रवाद में एक तत्व सेक्यूलर है तो दूसरा धार्मिक और कट्टर। जो सेक्यूलर है वह भारत समर्थक है और जो कट्टर धार्मिक है वह भारत विरोधी। सेक्यूलर राष्ट्रवाद का आधार बांग्ला भाषा है जो पाकिस्तान के विरोध में और भारत की मदद से खड़ा हुआ है। जबकि धार्मिक राष्ट्रवाद का आधार इस्लाम है जो पाकिस्तान के पक्ष में है और वहां की मुस्लिम पहचान से जुड़ा हुआ है। इसीलिए तख्तापलट के पीछे पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई का हाथ बताया जा रहा है। अफवाह तो यहां तक है कि बांग्लादेश के राष्ट्रवाद की एक महत्त्वाकांक्षा भारत के पूर्वोत्तर वाले इलाके को मिलाकर वृहत्तर बांग्लादेश बनाने का है।