भारत का अगला बजट कुछ ही हफ्तों में आनेवाला है। वह कैसा हो, इस बारे में कई विशेषज्ञ और प्रभावित लोग अपने सुझाव देने लगे हैं। अब से लगभग 30-35 साल पहले श्री वसंत साठे और मैंने सोचा था कि भारत से आयकर खत्म करने का अभियान चलाया जाए, क्योंकि आयकर की मार से बचने के लिए करदाताओं को काफी भ्रष्टाचार का सहारा लेना पड़ता है और आयकर भरने की प्रक्रिया भी अपने आप में बड़ा सिरदर्द है।
जेब से जाने वाले पैसे पर लगे कर
- विचार
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- 14 Jan, 2022

जायकर मतलब उस पैसे पर कर लगाया जाए जो अपनी जेब से बाहर जाता है। आनेवाला पैसा करमुक्त हो और जानेवाला करयुक्त हो। खर्च पर यदि टैक्स लगेगा तो लोग फिजूलखर्ची कम करेंगे। आमदनी में जो पैसा बढ़ेगा, उसे लोग बैंकों में रखेंगे। वह पैसा काम-धंधों में लगेगा। उससे देश में उत्पादन और रोजगार बढ़ेगा।
अब भी यह जरुरी है कि आयकर की जगह व्ययकर या जायकर लगाया जाए। जायकर मतलब उस पैसे पर कर लगाया जाए जो अपनी जेब से बाहर जाता है। आनेवाला पैसा करमुक्त हो और जानेवाला करयुक्त हो।
खर्च पर यदि टैक्स लगेगा तो लोग फिजूलखर्ची कम करेंगे। आमदनी में जो पैसा बढ़ेगा, उसे लोग बैंकों में रखेंगे। वह पैसा काम-धंधों में लगेगा। उससे देश में उत्पादन और रोजगार बढ़ेगा। टैक्स का हिसाब देने में जो मगजपच्ची और रिश्वत आदि के खर्च होते हैं, उनसे भी राहत मिलेगी।