इस खुलासे से कि न्यायमूर्ति चंद्रचूड़ से सरकारी आवास ख़ाली कराने को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने सरकार को पत्र लिखा क्या देश के पूर्व मुख्य न्यायाधीश की जनता में प्रतिष्ठा कम नहीं हुई होगी? या फिर क्या ऐसा हुआ होगा कि चंद्रचूड़ साहब और उनके परिवार के प्रति जनता की सहानुभूति बढ़ गई और चर्चा या आलोचना ‘सुप्रीम कोर्ट प्रशासन’ द्वारा उठाए गए अभूतपूर्व कदम और सरकार की भूमिका पर केंद्रित हो गई?
चंद्रचूड़ बंगला विवाद: सुप्रीम का पत्र क्या सरकार को चेतावनी है?
- विचार
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- 11 Jul, 2025

पूर्व सीजेआई डी.वाई. चंद्रचूड़ के बंगले को लेकर सुप्रीम कोर्ट द्वारा केंद्र सरकार को भेजा गया पत्र एक नई बहस को जन्म दे रहा है। क्या यह पत्र महज़ प्रक्रिया है या सरकार के लिए सख्त संदेश? जानिए पूरा विवाद।
देश भर के अख़बारों/ टीवी चैनलों ने इस ख़बर को प्रमुखता से प्रकाशित/प्रसारित किया था कि सेवा-निवृत्ति के आठ महीने बाद भी चंद्रचूड़ ने सुप्रीम कोर्ट के ‘आवास पूल’ में मुख्य न्यायाधीश के लिए निर्धारित बंगला ख़ाली नहीं किया। न्यायाधीशों को सेवा-निवृत्ति के बाद केवल छह माह तक ही सरकारी आवास के उपयोग की पात्रता है। सुप्रीम कोर्ट को चार वर्तमान न्यायाधीशों के लिए आवासों की आवश्यकता है।