पुष्कर सिंह धामी संविधान की शपथ लेकर ही उत्तराखंड की मुख्यमंत्री की कुर्सी पर विराजमान हैं, लेकिन वे इस संविधान में दर्ज नागरिक अधिकारों की रक्षा में बुरी तरह विफल नज़र आ रहे हैं। उनकी पार्टी के ही एक नेता को अगर अपनी बेटी की शादी भीड़ के उत्पात की वजह से रद्द या स्थगित करनी पड़े तो ये कहने में हिचक नहीं होनी चाहिए कि उत्तराखंड में भीड़तंत्र है, लोकतंत्र नहीं। मुख्यमंत्री को शायद यह बात भी ध्यान नहीं रही कि पुराणों के अनुसार उत्तराखंड उन सती पार्वती का मायका है जिन्होंने अपनी पसंद यानी शिव से शादी के लिए हर बाधा को तोड़ा, जबकि शिव और उनके वंश और संस्कृति में काफ़ी अंतर था।
पार्वती के प्रदेश उत्तराखंड में प्रेम पर पहरा
- विचार
- |
- 29 Mar, 2025
उत्तराखंड में अभी हिन्दू संगठनों के दबाव पर बीजेपी नेता ने अपनी बेटी की शादी मुस्लिम युवक से रोक दी। इसकी काफी चर्चा है। लोगों ने सोशल मीडिया पर अपने-अपने ढंग से इस मुद्दे पर चर्चा की है। पत्रकार पंकज श्रीवास्तव की बात जानिएः
