इस समय जब पूरी दुनिया महात्मा गांधी की ओर उम्मीद भरी नजरों से देख रही है और उनके विचारों की प्रासंगिकता पहले से कहीं ज्यादा महसूस की जा रही है, तब भारत में सत्ताधारी जमात से जुड़ा वर्ग गांधी को नकारने में लगा हुआ है। इस समय देश में सांप्रदायिक और जातीय विद्वेष का माहौल भी लगभग उसी तरह का बना दिया गया है, जैसा कि देश की आजादी के समय और उसके बाद के कुछ वर्षों तक बना हुआ था। उसी जहरीले माहौल से दुखी होकर राष्ट्रपिता महात्मा गांधी ने अपनी मृत्यु की कामना करते हुए कहा था कि वे अब और जीना नहीं चाहते। उसी माहौल के चलते उनकी हत्या हुई थी।