बीजेपी के संस्थापक और पूर्व केंद्रीय मंत्री संघप्रिय गौतम के बयान ने तहलका-सा मचा दिया है। वह अटलजी और आडवाणीजी के साथी रहे हैं और उनकी उम्र 88 साल की है। वह नरेंद्र मोदी के मार्गदर्शक मंडल के सदस्यों की तरह मार्ग नहीं देख रहे हैं बल्कि सच्चे मार्गदर्शक की भूमिका निभा रहे हैं। वह मार्ग दिखा रहे हैं। उन्होंने बीजेपी के नेताओं को खुला पत्र लिखकर माँग की है कि शिवराज चौहान को पार्टी अध्यक्ष बनाया जाए, नितिन गडकरी को उप-प्रधानमंत्री घोषित किया जाए और राजनाथ सिंह को मुख्यमंत्री के तौर पर उत्तरप्रदेश भेजा जाए। इस फेर-बदल के बिना 2019 के चुनाव में बीजेपी का लौटना मुश्किल है।
क्या बीजेपी केंद्र की सत्ता में लौट पाएगी?
- विचार
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- 15 Jan, 2019

पूर्व केंद्रीय मंत्री संघप्रिय गौतम ने माँग की है कि शिवराज चौहान को पार्टी अध्यक्ष बनाया जाए, नितिन गडकरी को उप-प्रधानमंत्री घोषित किया जाए। तो क्या मौजूदा पार्टी नेतृत्व से बीजेपी के ही नेता संतुष्ट नहीं हैं? और यदि ऐसा है तो जो नेतृत्व अपनों का ही दिल नहीं जीत सका, वह दूसरों का क्या जीतेगा?
गौतमजी के सुझाव लागू होंगे कि नहीं, किसी को पता नहीं, क्योंकि बीजेपी की सारी बातों का पता सिर्फ़ दो भाइयों को ही रहता है। उनमें से एक भाई को घर बिठाने का सुझाव गौतमजी ने दे मारा है। दूसरे भाई की उपलब्धियाँ जितनी राहुल गाँधी ने गिनाई हैं, उनसे ज़्यादा इन्होंने गिना दी हैं। पता नहीं, दूसरे भाई को हटाने की बात उन्होंने क्यों नहीं की?