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केजरीवाल की ऐसी मुद्रा जब तब देखने को मिल जाती है।

पैंतरेबाजीः आम आदमी पार्टी केजरीवाल पर जनमत संग्रह क्यों कराना चाहती है?

आम आदमी पार्टी दिल्ली में हुए कथित शराब घोटाले के भंवर में फंसती जा रही है। पूर्व डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया जेल में हैं। सांसद संजय सिंह भी लपेट लिए गए हैं। आप का प्रवक्ता विजय नायर सबसे पहले गिरफ्तार हुआ था। पिछले हफ्ते प्रवर्तन निदेशालय यानी ईडी ने इसी मामले में दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविन्द केजरीवाल को क्या तलब कर लिया कि आम आदमी पार्टी के नेता तब से नई-नई रणनीति जनता को बता रहे हैं। केजरीवाल ने पहले तो कुछ राज्यों में हो रहे विधानसभा चुनाव का बहाना लिया और पेश होने से इनकार कर दिया। ईडी ने अभी नई तारीख उन्हें नहीं दी है। लेकिन आप बराबर दबाव बनाए हुए है। इन दबावों से लगता है कि पार्टी एमपी, राजस्थान और छत्तीसगढ़ में हमदर्दी की जमीन तलाश रही है। 
आप ने मंगलवार को कहा कि वह दिल्ली, पंजाब और देश के अन्य हिस्सों के पार्टी कार्यकर्ताओं का जनमत संग्रह कराएगी कि क्या दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को अपने पद से हट जाना चाहिए या फिर सीएम पद पर बने रहना चाहिए और जेल से सरकार चलानी चाहिए।
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केजरीवाल के नजदीकी आप नेता दुर्गेश पाठक ने कहा, "आप दिल्ली और देशभर में नुक्कड़ सभाएं करेगी और जनमत संग्रह कराने के लिए घर-घर जाएगी।" पाठक ने बताया कि “सीएम ने एमसीडी पार्षदों से मुलाकात की है। उनकी बात सुनी। उन्होंने आश्वासन दिया कि वो इस मामले पर विचार करेंगे। बैठक में सीएम ने कहा कि वह इस मामले पर पंजाब और देशभर में आप के संगठन से भी चर्चा करेंगे। उसके बाद इस मसले पर फैसला लिया जाएगा। इसके साथ ही आज की बैठक में फैसला लिया गया कि इसी मामले पर दिल्ली और पूरे देश में जनमत संग्रह कराया जाएगा। जनता जनसंवाद में जुटेगी कि क्या अरविंद केजरीवाल को दिल्ली के सीएम पद से इस्तीफा दे देना चाहिए या तिहाड़ जेल से सरकार चलानी चाहिए।" पाठक ने कहा, आप के पार्षद और विधायक देश भर में अभियान चलाकर लोगों की राय जुटाएंगे।

क्या है इस पैंतरेबाजी का मतलबः आम आदमी पार्टी की यह राजनीतिक पैंतरेबाजी कोई गूढ़ रहस्य नहीं है जो लोगों को समझ में न आ सके। पार्टी हर तरह से 2024 के लोकसभा चुनाव और इस समय तीन राज्यों (एमपी, राजस्थान और छत्तीसगढ़) के विधानसभा चुनाव में हमदर्दी पाने के लिए नए-नए पैंतरे अपना रही है। जनमत संग्रह का नतीजा भी सभी को पहले से मालूम है। जाहिर है कि जनमत संग्रह केजरीवाल को देश का सबसे लोकप्रिय नेता बना देगी। इंडिया अंगेस्ट करप्शन अभियान के दौरान अपनाई गई फोन कॉल रणनीति को हथियार के रूप में इस्तेमाल किया जाएगा। दरअसल, आप कांग्रेस का चुनावी खेल खराब करना चाहती है। अगर कांग्रेस का प्रदर्शन पांच विधानसभा चुनावों में बेहतर रहता है तो वो कम से कम इंडिया गठबंधन में रहते हुए ज्यादा सीटों पर दावे नहीं कर पाएगी। वो तीन राज्यों में सिर्फ चंद सीटें चाहती है। चंद सीटें और वोट प्रतिशत बढ़ने पर उसे कैसे भुनाना है, यह काम वो पहले भी करती रही है। अब, यह बहस बेमानी है कि आप की इस पैंतरेबाजी का फायदा दरअसल किसे होगा।
बहरहाल, भाजपा ने आप पर ईडी के समन पर नाटक करने का आरोप लगाया है। दिल्ली बीजेपी के प्रवक्ता प्रवीण शंकर कपूर ने कहा, 'पिछले दो दिनों से AAP यह धारणा बनाने की कोशिश कर रही है कि केजरीवाल एक जिन्दा शहीद हैं, लेकिन आप नेताओं को पता होना चाहिए कि दिल्लीवासी जानते हैं कि केजरीवाल कथित शराब घोटाले में शामिल हैं। ऐसा प्रतीत होता है कि कर्म केजरीवाल को परेशान कर रहे हैं क्योंकि वह जानते हैं कि घोटाले का पैसा उनके दरवाजे तक पहुंच जाएगा, इसलिए वह अब अपने निर्वाचित प्रतिनिधियों को एक साथ रखने के लिए बैठकों में बुला रहे हैं।
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ईडी ने 30 अक्टूबर को केजरीवाल को 2 नवंबर को उसके सामने पेश होने के लिए कहा था। केजरीवाल ने समन को "अवैध" बताते हुए नजरअंदाज कर दिया और एक रैली को संबोधित करने के लिए चुनाव वाले मध्य प्रदेश की यात्रा की। उन्होंने आरोप लगाया कि केंद्रीय एंटी-मनी लॉन्ड्रिंग एजेंसी उनकी छवि खराब करने के लिए भाजपा के इशारे पर काम कर रही है।
सोमवार को दिल्ली में आप विधायकों ने एक बैठक में केजरीवाल के प्रति अपना समर्थन दोहराया और दावा किया कि अगर केजरीवाल को जांच एजेंसियों द्वारा गिरफ्तार किया जाता है तो दिल्ली सरकार तिहाड़ जेल से चलेगी और कैबिनेट बैठकें जेल से होंगी।
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क़मर वहीद नक़वी
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