दक्षिण भारत की अप्सरा रेड्डी को कांग्रेस पार्टी में अनोखा गौरव हासिल हुआ है। वह पहली ट्रांसजेंडर हैं जिन्हें कांग्रेस ने राष्टीय स्तर पर पदाधिकारी बनाया है। अप्सरा रेड्डी को पार्टी की महिला इकाई यानी ऑल इंडिया महिला कांग्रेस का राष्ट्रीय महासचिव बनाया गया है। अप्सरा को महासचिव बनाये जाने की घोषणा कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गाँधी और ऑल इंडिया महिला कांग्रेस की अध्यक्ष और लोकसभा सदस्य सुष्मिता देब की मौजूदगी में की गई।
अप्सरा कांग्रेस से जुड़ीं, पहली ट्रांसजेंडर पदाधिकारी बनीं
- राजनीति
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- 11 Jan, 2019
दक्षिण भारत की अप्सरा रेड्डी को कांग्रेस पार्टी में अनोखा गौरव हासिल हुआ है। वह पहली ट्रांसजेंडर हैं जिन्हें कांग्रेस ने राष्टीय स्तर पर पदाधिकारी बनाया है। अप्सरा रेड्डी को ऑल इंडिया महिला कांग्रेस का राष्ट्रीय महासचिव बनाया गया है।

अप्सरा रेड्डी तमिलनाडु की राजनीति में जाना-पहचाना नाम है। वे काफ़ी समय तक जयललिता की पार्टी ऑल इंडिया अन्ना द्रविड़ मुनेत्र कड़गम (एआईएडीएमके) की प्रवक्ता रहीं। वह तमिल भाषी ख़बरिया चैनलों के अलावा कई अंग्रेज़ी के नेशनल चैनलों पर दमदार तरीके से पार्टी का रुख़ पेश कर चुकी हैं। जयललिता के निधन के बाद पार्टी नेताओं के बीच उभरे मतभेदों की वजह से वे अलग-अलग वर्गों के बीच सत्ता की राजनीति में फँस गईं। सूत्रों का कहना है कि अप्सरा जयललिता की सबसे क़रीबी रहीं शशिकला की क़रीबी हैं। भ्रष्टाचार के एक मामले में शशिकला के जेल जाने के बाद अप्सरा को किसी नेता ने तवज्जो नहीं दी। मुख्यमंत्री पलानिसामी और उपमुख्यमंत्री पन्नीरसेल्वम दोनों ने अप्सरा को इस वजह से दूर रखा क्योंकि वे अप्सरा को शशिकला के क़रीबी के तौर पर ही जानते थे और इनके लिए अप्सरा पर भरोसा करना आसान नहीं था। पार्टी में वांछित महत्त्व न मिलने की वजह से अप्सरा ने पार्टी छोड़ने का मन बना लिया। वैसे भी जयललिता की मृत्यु के बाद उन्हें पार्टी का भविष्य उज्जवल नहीं नज़र आ रहा था। अप्सरा कुछ समय के लिए भारतीय जनता पार्टी में भी गई थीं। लेकिन पार्टी उन्हें रास नहीं आई और एक महीने में ही उन्होंने पार्टी छोड़ दी। अब राहुल गाँधी और सुष्मिता देब की वजह से उन्हें इस राष्ट्रीय पार्टी में बड़ा पद मिला है।