Bihar Elections 2025: जन सुराज के संस्थापक प्रशांत किशोर यह लिखकर देने को तैयार हैं कि नीतीश कुमार अब सीएम नहीं बनेंगे। किशोर का दावा है कि जेडीयू 25 से भी कम सीटें जीतेगी। जानिए और क्या कहाः
जन सुराज पार्टी के संस्थापक और पूर्व राजनीतिक रणनीतिकार प्रशांत किशोर ने बिहार में बड़े राजनीतिक बदलाव की भविष्यवाणी की है। उन्होंने दावा किया कि इस साल के अंत में होने वाले विधानसभा चुनावों के बाद जनता दल (यूनाइटेड) के प्रमुख नीतीश कुमार बिहार के मुख्यमंत्री नहीं होंगे। एक इंटरव्यू में किशोर ने कहा कि वह इस दावे को लिखित रूप में देने को भी तैयार हैं। हालांकि ये अलग बात है कि खुद प्रशांत किशोर की पार्टी बिहार में कोई राजनीतिक सफलता हासिल नहीं कर पाए हैं। अलबत्ता आरजेडी और कांग्रेस के आरोपों के मुताबिक वो वोट बांटने की कोशिश में जुटे हुए हैं।
दावा- 62% लोग चाहते हैं बदलाव
प्रशांत किशोर ने बताया कि उनके और उनकी टीम द्वारा किए गए सर्वेक्षण में 62% बिहारी बदलाव चाहते हैं। उन्होंने कहा, "अगले दो महीनों में यह तय होगा कि बदलाव चाहने वाले 60% से अधिक लोग किसे वोट देंगे। क्या वे उन पुराने नेताओं को वोट देंगे जिन्होंने उन्हें पहले निराश किया? या फिर वे जन सुराज जैसे नए विकल्प पर भरोसा करेंगे? लेकिन एक बात पक्की है, नीतीश कुमार नवंबर (चुनाव के बाद) में मुख्यमंत्री नहीं होंगे।"
नीतीश की स्थिति पर सवाल
किशोर ने नीतीश कुमार की मानसिक और शारीरिक स्थिति पर सवाल उठाए। उन्होंने कहा, "बिहार के लोग जानते हैं कि नीतीश की हालत ऐसी नहीं है कि वे कुछ कर सकें। एक व्यक्ति जो मंच पर बैठकर प्रधानमंत्री का नाम भूल जाता है, जो राष्ट्रगान को 'कव्वाली' समझ लेता है, और जो एक साल से मीडिया से नहीं मिला, वह बिहार का नेतृत्व कैसे कर सकता है?" उन्होंने यह भी कहा कि बीजेपी नीतीश को केवल चुनाव तक समर्थन दे रही है, क्योंकि उनके पास बिहार में अकेले चुनाव लड़ने की तैयारी नहीं है।
जेडीयू को मिलेंगी 25 से कम सीटें
किशोर ने दावा किया कि जेडीयू को 243 सीटों वाले बिहार विधानसभा में 25 से कम सीटें मिलेंगी। उन्होंने कहा, "अगर ऐसा नहीं हुआ तो मैं राजनीति छोड़ दूंगा। नीतीश की लोकप्रियता 60% से घटकर 16-17% हो गई है। जेडीयू का कोई संगठन नहीं है, और नीतीश ही उनकी एकमात्र ताकत थे, जो अब नहीं रहे।"
अगला मुख्यमंत्री कौन?
प्रशांत किशोर ने दावा किया कि अगला मुख्यमंत्री जन सुराज से होगा, लेकिन वह स्वयं इस दौड़ में नहीं हैं। उन्होंने कहा, "मैं मुख्यमंत्री बनने नहीं आया। जन सुराज मेरे पिता की पार्टी नहीं है। मैं बिहार में व्यवस्था बदलने आया हूं।" उन्होंने यह भी दावा किया कि नीतीश के गृह जिले नालंदा में भी जेडीयू हार रही है।
जन सुराज का प्रभाव
किशोर ने कहा कि उनकी पार्टी का प्रभाव पहले ही दिख रहा है। नीतीश सरकार ने जन सुराज के दबाव में वृद्धावस्था और दिव्यांग पेंशन को 400 रुपये से बढ़ाकर 1,100 रुपये किया, जबकि उनकी पार्टी ने 2,000 रुपये की मांग की थी। उन्होंने कहा, "चाहे हम जीतें या न जीतें, कोई इनकार नहीं कर सकता कि जन सुराज लोगों की आवाज बन चुकी है।"
गठबंधन की संभावना नहीं
किशोर ने साफ किया कि जन सुराज बीजेपी-नीत एनडीए या विपक्षी यूपीए के साथ गठबंधन नहीं करेगी। उन्होंने कहा, "हम 243 सीटों से एक भी कम पर समझौता नहीं करेंगे। जो हमसे जुड़ना चाहे, अपनी पार्टी का विलय कर सकता है।"
चुनावी सूची संशोधन पर सवालः बिहार में मतदाता सूची संशोधन पर किशोर ने कहा कि यह प्रक्रिया पारदर्शी होनी चाहिए। उन्होंने आरोप लगाया कि महाराष्ट्र और हरियाणा में ऐसी प्रक्रिया से सत्तारूढ़ दल को फायदा हुआ। उन्होंने मांग की कि चुनाव आयोग को यह स्पष्ट करना चाहिए कि किन नामों को हटाया जा रहा है और क्यों। हालांकि प्रशांत किशोर की इस बारे में प्रतिक्रिया बहुत मुखर होकर नहीं आई है। उन्होंने अलग से आंदोलन करने या बयान देने का कष्ट नहीं उठाया। इंटरव्यू में इस सवाल के होने पर ही वो बोले हैं।
चिराग पासवान पर टिप्पणी
लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) के नेता चिराग पासवान के बिहार चुनाव लड़ने के बयान पर किशोर ने कहा, "चिराग मेरे पुराने दोस्त हैं, लेकिन उनकी बात को तब तक गंभीरता से नहीं लिया जाएगा, जब तक वे केंद्रीय मंत्री और सांसद पद से इस्तीफा नहीं देते।"
प्रशांत किशोर ने कहा कि उनका लक्ष्य बिहार को बेहतर बनाना है, ताकि 'बिहारी' होना गर्व की बात बने। उन्होंने कहा, "मैं किंगमेकर हूं, लेकिन मेरा मकसद बिहार के लोगों और उनके बच्चों को 'किंग' बनाना है।"