कांग्रेस और महागठबंधन ने 'अतिपिछड़ा न्याय संकल्प' पत्र जारी कर बिहार में नयी सियासी हलचल पैदा कर दी है। महागठबंधन के इस फ़ैसले को उस अति पिछड़ा वर्ग के मतदाताओं को लुभाने की रणनीति के तौर पर देखा जा रहा है जो नीतीश कुमार का मज़बूत वोट बैंक रहा है। बिहार की राजनीति में अति पिछड़ा वर्ग का 36% वोट बैंक है। इसे मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का मजबूत आधार माना जाता है। सवाल उठ रहा है कि क्या यह संकल्प पत्र नीतीश के इस मजबूत वोट बैंक में सेंध लगा पाएगा? आइए, इस पत्र की खास बातों और इसके संभावित असर को जानते हैं।
बिहार: 'अतिपिछड़ा न्याय संकल्प' से नीतीश के 'अति पिछड़ा वोट बैंक' में सेंध लगेगी?
- राजनीति
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- 24 Sep, 2025
बिहार में महागठबंधन ने ‘अतिपिछड़ा न्याय संकल्प’ पत्र जारी कर राजनीतिक हलचल बढ़ा दी है। क्या यह पहल नीतीश कुमार के अति पिछड़ा वोट बैंक में सेंध लगा पाएगी?

बिहार महागठबंधन ने जारी किया अतिपिछड़ा न्याय संकल्प पत्र
कांग्रेस और इसके सहयोगी दलों ने 'अतिपिछड़ा न्याय संकल्प' पत्र को अति पिछड़ा वर्ग के सामाजिक, आर्थिक और शैक्षिक उत्थान के लिए एक रोडमैप के रूप में पेश किया है। पत्र में आबादी के अनुपात में आरक्षण की सीमा को 50 फीसदी की सीमा को बढ़ाने के लिए प्रयास करने और अति पिछड़ा वर्ग के लिए स्थानीय निकाय चुनाव में आरक्षण को बढ़ाने का वादा भी किया गया है। इसके अलावा कई और फ़ैसले लिए गए हैं।