बीजेपी ने रविवार को बड़ा संगठनात्मक बदलाव करते हुए बिहार के कैबिनेट मंत्री नितिन नबीन को पार्टी का राष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष नियुक्त किया है। यह नियुक्ति तत्काल प्रभाव से लागू हो गई है। माना जा रहा है कि 45 वर्षीय नबीन मौजूदा राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा के उत्तराधिकारी बन सकते हैं। 2019 के चुनाव के बाद नड्डा भी कार्यकारी अध्यक्ष रहते हुए पूर्ण अध्यक्ष बने थे।

पांच बार के विधायक नितिन नबीन की यह नियुक्ति कितनी अहम है, इसका अंदाज़ा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की टिप्पणी से भी लगाया जा सकता है। पीएम ने एक्स पर पोस्ट कर नबीन की नियुक्ति पर बधाई दी। उन्होंने लिखा, 'श्री नितिन नबीन जी ने खुद को एक मेहनती कार्यकर्ता के रूप में स्थापित किया है। वे युवा और परिश्रमी नेता हैं, जिनके पास समृद्ध संगठनात्मक अनुभव है और बिहार में कई बार विधायक तथा मंत्री रहते हुए प्रभावशाली रिकॉर्ड है। उन्होंने लोगों की आकांक्षाओं को पूरा करने के लिए मेहनत की है। वे अपने विनम्र स्वभाव के साथ जमीन पर काम करने के लिए जाने जाते हैं। मुझे पूरा विश्वास है कि उनकी ऊर्जा और प्रतिबद्धता आने वाले समय में हमारी पार्टी को और अधिक सशक्त बनाएगी। भाजपा के कार्यकारी अध्यक्ष बनने पर उन्हें हार्दिक बधाई।'
बीजेपी के राष्ट्रीय महासचिव अरुण सिंह द्वारा जारी अधिसूचना में कहा गया कि पार्टी के संसदीय बोर्ड ने बिहार सरकार के मंत्री श्री नितिन नबीन को राष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष नियुक्त किया है। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और जेपी नड्डा ने भी नबीन का स्वागत किया। नड्डा ने कहा कि मोदी जी के नेतृत्व में नबीन की अगुवाई में पार्टी राष्ट्र निर्माण और जनसेवा के नए आयाम स्थापित करेगी।

बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने भी नबीन को बधाई दी। उन्होंने एक्स पर पोस्ट किया, 'बिहार का एक निवासी बीजेपी का राष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष नियुक्त होना खुशी की बात है। नितिन नबीन को बीजेपी का राष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष नियुक्त होने पर हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएं... वे पांचवीं बार विधायक चुने गए हैं और हमारे साथ कैबिनेट में ऊर्जावान सहयोगी के रूप में काम कर रहे हैं।' नीतीश ने उन्हें समर्पित और अनुशासित राजनेता बताते हुए कहा कि नई जिम्मेदारी से भाजपा और मजबूत होगी।

नितिन नबीन कौन हैं?

नितिन नबीन दिवंगत वरिष्ठ भाजपा नेता नवीन किशोर प्रसाद सिन्हा के पुत्र हैं। वे कायस्थ समुदाय से आते हैं। उनकी राजनीतिक यात्रा राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ यानी आरएसएस की छात्र इकाई अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद यानी एबीवीपी से शुरू हुई। बाद में उन्होंने भाजपा युवा मोर्चा में मजबूत आधार बनाया और बिहार इकाई के अध्यक्ष भी रहे।

वर्तमान में वे बिहार सरकार में सड़क निर्माण मंत्री हैं और पहले शहरी विकास एवं आवास तथा विधि मंत्री रह चुके हैं। उन्होंने छत्तीसगढ़ में चुनाव प्रभारी की भूमिका निभाई, जहां 2023 में भाजपा को निर्णायक जीत मिली। सिक्किम में भी संगठनात्मक जिम्मेदारी संभाली।

चुनावी रिकॉर्ड की बात करें तो नबीन पटना की बाँकीपुर विधानसभा सीट से 2010 से लगातार विधायक हैं। 2006 में पिता की मृत्यु के बाद उपचुनाव में पटना पश्चिम से जीते थे। हालिया बिहार विधानसभा चुनाव में उन्होंने आरजेडी की रेखा कुमारी को हराया। इससे पहले 2020 में कांग्रेस के लव सिन्हा को पराजित किया था।

नबीन के पास 1 करोड़ की संपत्ति

अक्टूबर में नितिन नबीन द्वारा चुनाव आयोग के सामने दायर किए गए चुनावी हलफनामे के अनुसार, उन्होंने करीब 1 करोड़ रुपये की संपत्ति घोषित की है। उनकी चल संपत्ति में कैश, बैंक डिपॉजिट, बीमा पॉलिसी और निवेश शामिल हैं, जबकि अचल संपत्ति में आवासीय संपत्ति और ज़मीन शामिल हैं।

आपराधिक रिकॉर्ड के बारे में हलफनामे में कहा गया है कि उनके खिलाफ कोई सज़ा दर्ज नहीं की गई है। जहाँ लागू हो, केस से जुड़े कॉलम में या तो 'कुछ नहीं' लिखा है या चुनावी नियमों के अनुसार कोर्ट-वाइज़ डिटेल्स और मौजूदा स्थिति दी गई है।
बहरहाल, नबीन के पास संगठनात्मक अनुभव और शासन के रिकॉर्ड का मिश्रण है। उनकी नियुक्ति पार्टी में पीढ़ीगत बदलाव का संकेत है और वे सबसे युवा कार्यकारी अध्यक्ष हैं।

यह नियुक्ति 2026 के विधानसभा चुनावों से पहले पार्टी की संगठनात्मक मजबूती और युवा नेतृत्व को बढ़ावा देने की दिशा में अहम कदम मानी जा रही है। नबीन की नियुक्ति से बिहार में भाजपा को और बल मिलेगा, जहां वह एनडीए का प्रमुख सहयोगी है।