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मुझे चलते जाना है...मोदी पर बीजेपी का कांग्रेस को वीडियो के जरिए करारा जवाब

बीजेपी ने मोदी पर 4 मिनट 30 सेकंड का एक वीडियो जारी कर विपक्ष खासकर कांग्रेस को जवाब देने की कोशिश की है। इसका नाम दिया गया है- मुझे बस चलते जाना है।... इस वीडियो में पीएम मोदी द्वारा शुरू की गई योजनाओं का महिमामंडन तो है ही। लेकिन सबसे दिलचस्प पहलू है कांग्रेस नेता राहुल गांधी पर मुख्य रूप से, फिर सोनिया गांधी और मणिशंकर अय्यर के चाय वाला जुमले पर निशाना साधना। यह वीडियो मंगलवार को ऐसे समय जारी किया गया है, जब मोदी सरकार तमाम मुद्दों पर विपक्ष के तीखे हमलों का सामना संसद से लेकर सड़क तक पर कर रही है। इसमें उस झोले का जिक्र है जो पीएम मोदी के संदर्भ में विपक्ष अक्सर कहता रहा है - मेरा क्या है, मैं तो झोला उठाकर चल दूंगा। लेकिन बीजेपी बताना चाह रही है कि मोदी झोला उठाकर 2024 मिशन की तरफ बढ़ चले हैं।

इंडियन एक्सप्रेस ने इस पर एक रिपोर्ट प्रकाशित की है। उसके मुताबिक बीजेपी के ट्विटर हैंडल से जारी इस वीडियो के केंद्र में पार्टी की धुरी नरेंद्र मोदी को ही रखा गया है। पार्टी का यह वीडियो बताता है कि मोदी तीसरे कार्यकाल के अभियान यानी 2024 में सत्ता में वापसी के लिए फिर से तैयार हैं। हालांकि 2024 के चुनाव का कोई जिक्र नहीं है, लेकिन इसे जिस तरह पेश किया गया है, यह उससे साफ है। इसमें 2014 के चुनावों से पहले, 2019 के बाद की स्थितियों और फिर भारत की अर्थव्यवस्था को 5-ट्रिलियन डॉलर तक ले जाने का संकल्प है।
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वीडियो में पीएम मोदी एक झोला लटकाए हुए चलते चले जा रहे हैं और रास्ते में सोनिया गांधी, राहुल गांधी, मणिशंकर अय्यर, दिग्विजय सिंह के कटाक्ष को खारिज करते जा रहे हैं। 2014 में सोनिया गांधी के "मौत का सौदागर" और मणिशंकर अय्यर के "चायवाला" वाला जुमला, फिर 2019 में राहुल गांधी का "चौकीदार चोर है" से लेकर राफेल, बीबीसी की विवादित डॉक्यूमेंट्री और "गौतम दास" तक सभी जुमले मोदी के रास्ते में धूल चाटते नजर आ रहे हैं।

इंडियन एक्सप्रेस ने लिखा है कि मोदी अपना झोला लेकर आगे बढ़ते हैं, जो अब उनका ट्रेडमार्क है। उस झोले में से वे अपनी सरकार की कल्याणकारी योजनाएं निकालते हैं। कभी अपने हाथों से कचरा उठाते हुए स्वच्छ भारत अभियान, दूसरी तरफ चूल्हे पर खाना बनाने के दौरान खांसती हुई बूढ़ी महिला के चेहरे पर मुस्कान लाने के लिए उज्ज्वला योजना को पेश किया जाता है। इसी तरह एक पीड़ित बुजुर्ग दंपत्ति के हाथों में गेहूं, चावल (मुफ्त राशन योजना) और फिर पीएम आवास योजना, जन धन, बीमा योजना आदि का उल्लेख किया जाता है। अचानक पीएम मोदी हथौड़ा मारकर हर घर के लिए जल मुहैया करा देते हैं।

इसके बाद कोविड-19 संकट का जिक्र है, जिसमें मोदी को कोरोना वायरस से भरी एक गहरी नदी को पार करते हुए दिखाया गया है। जैसे ही वो कोरोना वायरस की नदी पार करते हैं, उनके सामने कोविड वैक्सीन की देशी और विदेशी सीरिंज को पेश किया जाता है। जाहिर है कि पीएम मोदी ने स्वदेशी वैक्सीन की बड़ी सीरिंज को थाम लिया। यानी भारत ने अपनी वैक्सीन बनाकर तमाम देशों को भी भेजा। हालांकि इसका सच सभी जानते हैं।
इंडियन एक्सप्रेस के मुताबिक 4 मिनट से ज्यादा के इस वीडियो में मोदी के 10 साल के कार्यकाल को दर्शाया गया है। जिसके फ्रेम में सिर्फ मोदी हैं और कोई अन्य नेता नहीं है। बीच में बस तत्कालीन अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा नजर आते हैं, जो सोनिया गांधी के साथ खड़े हैं। यह वो समय था जब 2002 के गुजरात दंगों की वजह से वहां के तत्कालीन मुख्यमंत्री मोदी को अमेरिका ने वीजा देने से इनकार कर दिया था। लेकिन बाद में उसी ओबामा के हाथों मोदी को अमेरिका आने का निमंत्रण और यूएस वीजा देते दिखाया गया है। 2014 की जीत के बाद पीएम की कुर्सी पर जिस तरह मोदी को चाय की केतली रखते हुए दिखाया गया है, वो काफी रोचक है और उस दौर के घटनाक्रम की सारी कहानी बयान करता है।

जब 2019 की जीत का जश्न भी दिखाया गया है। मोदी पीएम की कुर्सी पर बैठे हैं और चारों तरफ से "मोदी, मोदी" की जय-जयकार हो रही है। उसी समय मोदी के एक तरफ यूके के प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन और दूसरी तरफ भावी अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन नजर आते हैं। ट्रंप को नजरन्दाज किया गया है, हालांकि ट्रंप उस समय वहां राष्ट्रपति थे।

इंडियन एक्सप्रेस ने लिखा है कि इस वीडियो में सबसे ज्यादा राहुल गांधी को दिखाया गया है। राहुल ने राफेल घोटाले के आरोपों को उजागर करते हुए पीएम मोदी को "चौकीदार चोर है" कहकर संबोधित किया था। लेकिन राहुल को उस समय मायूस दिखाया जाता है जब मोदी ने एक स्वदेशी एचएएल हेलीकॉप्टर का उद्घाटन करते हैं। बता दें कि यह इवेंट अभी हाल का है।
2024 के चुनावों के लिए यह वीडियो कई स्पष्ट संदेश भेजता है। बीजेपी इस बात को रेखांकित करती है कि 2002 के दंगों के बाद अमेरिका जैसे देशों ने मोदी का जो बहिष्कार किया, दरअसल वो कांग्रेस की "साजिश" थी। यह इस बात का जवाब है कि अब राहुल उसी तरह विदेशों में भारत का नाम बदनाम कर रहे हैं। पार्टी के इस वीडियो ने यह भी साफ कर दिया कि 2024 का लोकसभा चुनाव मोदी ही उसके शोमैन होंगे। उनके सरकार की कल्याणकारी योजनाओं पर ही चुनाव लड़ा जाएगा। विपक्ष के सारे आरोप इस वीडियो ने खारिज कर दिए हैं।

इंडियन एक्सप्रेस के मुताबिक इस वीडियो में जिस तरह बीबीसी की विवादित डॉक्यूमेंट्री का जिस तरह संज्ञान लिया गया है, वो दिलचस्प है। बीबीसी की डॉक्यूमेंट्री 2002 के दंगों में मोदी के नेतृत्व वाली गुजरात सरकार की भूमिका पर प्रकाश डालती है।
इंडियन एक्सप्रेस के मुताबिक बीजेपी बिहार इकाई के अध्यक्ष और लोकसभा सांसद संजय जायसवाल ने कहा कि यह स्वाभाविक था कि पूरा वीडियो मोदी पर केंद्रित है। सभी लोकप्रिय कल्याणकारी योजनाओं की शुरुआत प्रधानमंत्री मोदी ने खुद की है … उन्होंने गरीबों के लिए क्या नहीं किया है! पार्टी यह संदेश देना चाहती है कि तमाम आलोचनाओं का सामना करने के बावजूद वह गरीबों के लिए अच्छा काम करते हुए आगे बढ़ते रहे हैं। गुजरात के चुनाव नतीजे और पिछले दो लोकसभा चुनाव इसका प्रमाण हैं।

वीडियो में एक और छोटा सा विवरण छिपा है। यह शुरू होता है, ...मोदी उस चुनावी सीढ़ी के सबसे निचले पायदान पर हैं, जिन्होंने 2007 के गुजरात चुनाव में फिर से सीएम बनने के लिए जीत हासिल की थी। लेकिन उनकी निगाहें पहले से ही बड़े इनाम पर टिकी हैं। (यानी पीएम की कुर्सी)

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केंद्र में उस समय यूपीए का पहला कार्यकाल था, लालकृष्ण आडवाणी पीएम इन वेटिंग थे और अपनी महत्वाकांक्षाओं को आगे बढ़ा रहे थे। लेकिन यूपीए के दूसरे कार्यकाल में पीएम मोदी नामक सपने ने जन्म लिया।

बहरहाल, वीडियो के अंत में मोदी जैसे ही मिशन 2024 (जिसका जिक्र नहीं है) और 5 ट्रिलियन डॉलर इकोनॉमी की ओर बढ़ते हैं, पृष्ठभूमि में किशोर कुमार की आवाज में एक मशहूर गीत बजने लगता है - मुझे बस चलते जाना है...

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क़मर वहीद नक़वी
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