केंद्रीय मंत्री चिराग पासवान ने हाल ही में जाति जनगणना, वक्फ संशोधन विधेयक और लैटरल एंट्री के मुद्दे पर अपनी सरकार के खिलाफ स्टैंड लिया। चिराग ने कहा कि जाति जनगणना होनी चाहिए। लैटरल एंट्री के जरिए आरक्षण को किनारे रखकर सरकारी नियुक्तियां गलत है। चिराग के दोनों बयान सरकार को पसंद नहीं आये। क्योंकि मोदी सरकार और भाजपा जाति जनगणना के खिलाफ है और केंद्र में 2018 से ही लैटरल एंट्री के जरिए भर्तियां की जा रही है। इसी घटनाक्रम के बीच दैनिक भास्कर में एक खबर आई कि चिराग पासवान के खिलाफ एक याचिका दायर की गई है और चुनाव आयोग में शिकायत की गई है कि उन्होंने नामांकन दाखिल करते समय अपने शपथ पत्र में रेप का मुकदमा चलने और संपत्ति के बारे में कुछ जानकारियां छिपाई हैं। यह खबर शुक्रवार को पूरे दिन वायरल हुई।
चिराग पासवान से भाजपा चाहती क्या है, विशेष शब्दों और संकेतों से शीत युद्ध
- राजनीति
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- 29 Mar, 2025
केंद्रीय मंत्री चिराग पासवान और भाजपा के बीच शुरू हुआ शीत युद्ध यहीं रुक जाएगा या फिर आगे बढ़ेगा। बिहार विधानसभा चुनाव दूर नहीं है। भाजपा चिराग का महत्व भी जानती है लेकिन चिराग का कहना है कि कोई भी नेता जनाधार के दम पर जिन्दा रहता है। तो क्या चिराग पासवान जनाधार के लिए सब कुछ ठुकराने को तैयार हैं। क्या भाजपा ने उन्हें उनके बयानों के लिए घेरा और फिर संकेतों में कह दिया कि वो अभी भी उनके साथ काम करना चाहती है। जानिए पूरी राजनीतिः

चिराग पासवान