कांग्रेस और इंडिया गठबंधन के दलों ने प्रदर्शन चुनाव आयोग के ख़िलाफ़ किया, लेकिन इस पर भड़की बीजेपी। इसने सोमवार को कांग्रेस सहित विपक्षी दलों पर तीखा हमला बोला। बीजेपी ने आरोप लगाया कि विपक्ष का बिहार में मतदाता सूची संशोधन और पिछले चुनावों में 'वोट चोरी' के ख़िलाफ़ विरोध प्रदर्शन देश में अराजकता और अस्थिरता पैदा करने की एक सोची-समझी रणनीति है। केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने नई दिल्ली में बीजेपी मुख्यालय में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए यह आरोप लगाया।

धर्मेंद्र प्रधान ने कांग्रेस नेता राहुल गांधी द्वारा बीजेपी और चुनाव आयोग पर लगाए गए 'वोट चोरी' के आरोप को झूठ करार दिया। उन्होंने कहा कि कांग्रेस और अन्य विपक्षी दल इस तरह के हथकंडे अपना रहे हैं क्योंकि उनके पास उठाने के लिए कोई ठोस मुद्दा नहीं है। प्रधान ने आरोप लगाया कि विपक्ष का विरोध देश में अस्थिरता और अराजकता फैलाने की सुनियोजित साजिश है। उन्होंने कहा, 'कांग्रेस और अन्य विपक्षी दल देश में अराजकता पैदा करना चाहते हैं। यह एक सोची-समझी रणनीति है।'
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केंद्रीय मंत्री ने आगे कहा कि राहुल गांधी उन बड़ी ताकतों की भाषा बोल रहे हैं जो भारत में लोकतंत्र को  तबाह करना चाहती हैं। उन्होंने विपक्ष पर मतदाता सूची संशोधन और चुनावी प्रक्रिया पर सवाल उठाने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि बिहार में मतदाता सूची संशोधन को लेकर बेबुनियाद दावे किए जा रहे हैं। प्रधान ने दावा किया कि विपक्ष घुसपैठियों को मतदाता बनाने की कोशिश कर रहा है।

चुनाव आयोग के खिलाफ विपक्ष का प्रदर्शन

कांग्रेस और इंडिया गठबंधन के नेताओं ने बिहार में मतदाता सूची संशोधन के खिलाफ सोमवार को नई दिल्ली में चुनाव आयोग के कार्यालय की ओर मार्च निकाला। इस दौरान राहुल गांधी ने बीजेपी और चुनाव आयोग पर गंभीर आरोप लगाए। 

विपक्ष ने दावा किया कि बीजेपी ने पिछले चुनावों में 'वोट चोरी' की थी और अब बिहार में मतदाता सूची में हेरफेर कराने की कोशिश कर रही है। विपक्ष का कहना है कि यह लोकतांत्रिक प्रक्रिया को कमजोर करने का प्रयास है।

बीजेपी का जवाब: संसद में उठाएं मुद्दा

धर्मेंद्र प्रधान ने विपक्ष से कहा कि अगर उनके पास कोई वास्तविक शिकायत है तो उसे संसद में उठाएं। उन्होंने कहा, 'आप लोगों के दिमाग में डर पैदा करके प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व, जनता के फैसले और देश के संवैधानिक ढांचे को प्रभावित नहीं कर सकते।' प्रधान ने जोर देकर कहा कि बीजेपी और केंद्र सरकार लोकतांत्रिक प्रक्रियाओं को मजबूत करने के लिए प्रतिबद्ध हैं और विपक्ष के बेबुनियाद आरोपों से विचलित नहीं होंगे।

संवैधानिक संस्थानों को बदनाम करने का आरोप

शिवराज सिंह चौहान ने राहुल और विपक्ष पर संवैधानिक संस्थानों को बदनाम करने का आरोप लगाया है। उन्होंने पूछा कि अगर मतदाता सूची में गड़बड़ी थी तो कांग्रेस ने कर्नाटक, तेलंगाना और हिमाचल में जीत कैसे हासिल की? कर्नाटक बीजेपी अध्यक्ष बी. वाई. विजयेंद्र ने राहुल के बेंगलुरु में प्रस्तावित विरोध को हास्यास्पद करार दिया। उन्होंने सवाल किया कि अगर चुनाव आयोग हेरफेर करता तो कांग्रेस ने कर्नाटक में 136 सीटें कैसे जीतीं? उन्होंने माफी की मांग की।
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बीजेपी राष्ट्रीय प्रवक्ता गौरव भाटिया ने राहुल, सोनिया और प्रियंका गांधी अगर चुनाव आयोग पर भरोसा नहीं करते तो उनको इस्तीफा देना चाहिए। उन्होंने कहा कि कांग्रेस बिना सबूत के संस्थानों को बदनाम कर रही है। संबित पात्रा ने राहुल के आरोपों को 'चुनिंदा आक्रोश' बताया। उन्होंने पूछा कि अगर चुनाव आयोग गलत है तो कांग्रेस ने 99 लोकसभा सीटें कैसे जीतीं?

ECI पारदर्शिता लाए: विपक्ष

विपक्षी दलों ने बीजेपी के आरोपों को खारिज करते हुए कहा कि वे केवल लोकतांत्रिक प्रक्रिया की रक्षा के लिए आवाज़ उठा रहे हैं। राहुल गांधी ने अपने बयान में कहा कि बीजेपी का 'वोट चोरी' का इतिहास रहा है और बिहार में मतदाता सूची संशोधन इसका ताजा उदाहरण है। उन्होंने चुनाव आयोग से निष्पक्षता और पारदर्शिता सुनिश्चित करने की मांग की। 
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यह विवाद ऐसे समय में सामने आया है जब बिहार में विधानसभा चुनाव नजदीक हैं। मतदाता सूची संशोधन को लेकर उठा यह विवाद राजनीतिक गलियारों में गर्म मुद्दा बन गया है। बीजेपी ने साफ़ किया है कि वह विपक्ष के अनुचित विरोध को बर्दाश्त नहीं करेगी और लोकतांत्रिक प्रक्रियाओं को मजबूत करने के लिए काम करती रहेगी। दूसरी ओर, विपक्ष ने भी संकेत दिए हैं कि वह इस मुद्दे को संसद और सड़क दोनों पर उठाता रहेगा।