बीजेपी में राष्ट्रीय अध्यक्ष के चयन की प्रक्रिया ने गति पकड़ ली है। पार्टी ने शुक्रवार को महाराष्ट्र, उत्तराखंड और पश्चिम बंगाल में संगठनात्मक चुनावों की निगरानी के लिए तीन वरिष्ठ नेताओं को नियुक्त किया है। यह क़दम मौजूदा राष्ट्रीय अध्यक्ष जे.पी. नड्डा के कार्यकाल के बाद नए नेतृत्व की नियुक्ति की दिशा में एक अहम क़दम माना जा रहा है। नड्डा का तीन साल का कार्यकाल जनवरी 2020 में शुरू हुआ था और पिछले साल जून से इसे विस्तार दिया गया था।
बीजेपी ने शुक्रवार को महाराष्ट्र, उत्तराखंड और पश्चिम बंगाल में प्रदेश इकाई के अध्यक्षों के चुनाव की निगरानी के लिए चुनाव अधिकारियों की नियुक्ति की। इसके अलावा प्रदेश इकाई के लिए चुनाव भी होने हैं। पार्टी के संविधान के अनुसार, राष्ट्रीय अध्यक्ष का चुनाव तब तक नहीं हो सकता, जब तक कि 50% से अधिक राज्य और केंद्र शासित प्रदेश इकाइयों में संगठनात्मक चुनाव पूरे न हो जाएँ। इस समय, 37 राज्य व केंद्र शासित प्रदेश ईकाइयों में से 14 में संगठनात्मक चुनाव पूरे हो चुके हैं।
पार्टी ने पश्चिम बंगाल में संगठनात्मक चुनावों की ज़िम्मेदारी पूर्व केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद को सौंपी है। महाराष्ट्र के लिए केंद्रीय मंत्री किरण रिजिजू और उत्तराखंड के लिए केंद्रीय मंत्री हर्ष मलहोत्रा को ज़िम्मेदारी दी गई है।
उत्तर प्रदेश में नियुक्ति को प्राथमिकता
उत्तर प्रदेश, गुजरात, मध्य प्रदेश, कर्नाटक और तेलंगाना जैसे बड़े और अहम राज्यों में भी बीजेपी के संगठनात्मक चुनाव होने बाक़ी हैं। बीजेपी ने उत्तर प्रदेश में नए प्रदेश अध्यक्ष की नियुक्ति को प्राथमिकता दी है, क्योंकि यह राज्य राजनीतिक रूप से बेहद अहम है और 2027 में यहां विधानसभा चुनाव होने हैं। मौजूदा प्रदेश अध्यक्ष भूपेंद्र सिंह चौधरी का कार्यकाल समाप्त हो चुका है और उनकी जगह नए चेहरे की तलाश चल रही है। मीडिया रिपोर्टों में सूत्रों के हवाले से कहा जा रहा है कि उत्तर प्रदेश में नए अध्यक्ष की नियुक्ति के बाद ही राष्ट्रीय अध्यक्ष का चुनाव होगा।
मध्य प्रदेश में मौजूदा अध्यक्ष वी.डी. शर्मा का कार्यकाल पिछले साल फरवरी में समाप्त हो गया था, और वहां भी जल्द नए चेहरे की घोषणा हो सकती है।
पश्चिम बंगाल में अगले साल विधानसभा चुनाव होने हैं। यहाँ के मौजूदा प्रदेश अध्यक्ष सुकांत मजूमदार केंद्रीय मंत्री बन चुके हैं। ऐसे में उनके स्थान पर नया चेहरा लाने की तैयारी है। चर्चा है कि बीजेपी इस बार पश्चिम बंगाल में किसी महिला नेता को प्रदेश अध्यक्ष बना सकती है। अग्निमित्रा पॉल और पूर्व सांसद लॉकेट चटर्जी इस पद के लिए मजबूत दावेदार मानी जा रही हैं।
राष्ट्रीय अध्यक्ष के लिए चर्चा में नाम
हालाँकि राष्ट्रीय अध्यक्ष के लिए अभी तक कोई आधिकारिक नाम सामने नहीं आया है, लेकिन एक्स पर कुछ पोस्टों में केंद्रीय मंत्रियों धर्मेंद्र प्रधान, भूपेंद्र यादव और शिवराज सिंह चौहान को संभावित दावेदार बताया जा रहा है। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने हाल ही में कहा था कि नया राष्ट्रीय अध्यक्ष जल्द चुना जाएगा।
मीडिया रिपोर्टों में सूत्रों के हवाले से कहा गया है कि कुछ दिनों में ही दिल्ली में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत की बैठक होने वाली है। माना जा रहा है कि इसमें नए राष्ट्रीय अध्यक्ष के नाम पर अंतिम मुहर लग सकती है।
संगठनात्मक तैयारियों पर जोर
बीजेपी ने संगठनात्मक चुनावों को तेज करने के साथ-साथ आगामी विधानसभा चुनावों की तैयारियाँ भी शुरू कर दी हैं। महाराष्ट्र, पश्चिम बंगाल और उत्तराखंड जैसे राज्यों में संगठनात्मक ढांचे को मज़बूत करने के लिए केंद्रीय पर्यवेक्षकों की नियुक्ति की गई है। हालाँकि, कुछ राज्यों में संगठनात्मक चुनावों में चुनौतियाँ हैं। कहा जा रहा है कि उत्तर प्रदेश में बीजेपी के सामने आंतरिक गुटबाजी की चुनौती भी है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य और ब्रजेश पाठक जैसे नेताओं के बीच मतभेद की ख़बरें सामने आई हैं, जो संगठनात्मक नियुक्तियों में देरी का कारण बन रही हैं। कहा जा रहा है कि उत्तर प्रदेश जैसे महत्वपूर्ण राज्यों में नए प्रदेश अध्यक्षों की नियुक्ति के बाद राष्ट्रीय स्तर पर नेतृत्व परिवर्तन का रास्ता साफ होगा।