पीएम मोदी ने भाजपा के दलित सांसदों से मुलाकात का यह फोटो ट्वीट किया है।
यहां यह बताना जरूरी है कि सरकार क्रीम लेयर को आरक्षण जारी रखने पर झुक तो गई है। लेकिन बतौर पार्टी यानी भाजपा ने अभी तक साफ नहीं किया है कि वो सुप्रीम कोर्ट के फैसले को खारिज करती है। बीजेपी ने 1 अगस्त के फैसले पर अभी तक आधिकारिक तौर पर अपना रुख नहीं बताया है। एनडीए के सहयोगी दल एलजेपी (रामविलास) ने इस फैसले पर खुलकर असहमति जताई थी और कहा है कि वह सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर समीक्षा याचिका दायर करेगी।
भाजपा के एससी-एसटी सांसदों के एतराज पर मोदी सरकार फौरन झुक गई। शुक्रवार रात को ही कैबिनेट बैठक बुलाकर इस पर फैसला लिया गया। उसके फौरन बाद शुक्रवार रात को ही पत्रकारों को जानकारी देते हुए केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा कि कैबिनेट की बैठक में सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर विस्तृत चर्चा हुई, जिसमें एससी, एसटी के लिए आरक्षण पर कुछ सुझाव दिए गए थे। उन्होंने कहा कि कैबिनेट का विचार है कि एनडीए सरकार संविधान के प्रावधानों के प्रति प्रतिबद्ध है। वैष्णव ने कहा, "बी आर अंबेडकर द्वारा दिए गए संविधान के अनुसार, एससी/एसटी आरक्षण में क्रीमी लेयर का कोई प्रावधान नहीं है।" उन्होंने कहा कि सरकार का मानना है कि एससी/एसटी आरक्षण का प्रावधान संविधान के हिसाब से ही होना चाहिए। कुल मिलाकर सरकार ने स्पष्ट कर दिया कि आरक्षण की मौजूदा व्यवस्था में छेड़छाड़ का उसका कोई इरादा नहीं है। जैसा है, चलता रहेगा।