आने वाले सालों में जब एक दिन प्रधानमंत्री के व्यक्तित्व का तिलिस्म किसी कमजोर पड़ते तूफ़ान की तरह फ़ीका पड़ने लगेगा या बीजेपी को सत्ता हाथों से फिसलती दिखाई देगी, तब क्या नरेंद्र मोदी या उनकी पार्टी का कोई दूसरा नेता राहुल गांधी की तरह भारत की सड़कों पर पैदल निकल कर जनता का सामना करने की हिम्मत जुटा पाएगा?