loader
नितिन गडकरी

गडकरी ने खड़गे, जयराम रमेश को कानूनी नोटिस भेजा, इंटरव्यू क्लिप पर विवाद बढ़ा

केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी के इंटरव्यू पर बवाल हो गया है। केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने बिना संदर्भ के अपने इंटरव्यू की वीडियो क्लिप पोस्ट करने के लिए कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे और महासचिव जयराम रमेश को कानूनी नोटिस भेजा है। गडकरी ने आरोप लगाया है कि वीडियो क्लिप से उनकी और भाजपा की प्रतिष्ठा प्रभावित हुई है। दोनों नेताओं ने संपादित इंटरव्यू क्लिप सोशल मीडिया पर शेयर की। दोनों के शेयर करने के बाद वीडियो क्लिप वायरल हो गई।

गडकरी ने चेतावनी दी है कि “अगर खड़गे और जयराम रमेश ने इसे नहीं हटाया और माफी नहीं मांगी तो (मेरे) पास मामले को आगे बढ़ाने के अलावा कोई अन्य विकल्प नहीं बचेगा। जानबूझकर उनकी और भाजपा की छवि को बदनाम करने के लिए कानून के अनुसार दीवानी और फौजदारी दोनों कार्रवाई की जाएगी।''

ताजा ख़बरें
कहा जा रहा है कि गडकरी को इतनी चिन्ता कांग्रेस औऱ वीडियो क्लिप की नहीं है, जितनी चिन्ता भाजपा से कार्रवाई होने की है। भाजपा से कार्रवाई के डर की वजह से उन्होंने कांग्रेस नेताओं को कानूनी नोटिस भेजा है। गडकरी के अनुसार, कांग्रेस नेताओं ने जानबूझकर उनके इंटरव्यू के एक चुनिन्दा हिस्से को हिंदी कैप्शन के साथ पोस्ट किया, जिसमें लिखा था: “आज गांव के मजदूर और किसान दुखी हैं। गांव में अच्छी सड़क नहीं है। पीने के लिए शुद्ध पानी नहीं है, अच्छे अस्पताल नहीं हैं।“

गडकरी के वकील की ओर से कांग्रेस नेताओं को दिए गए कानूनी नोटिस में कहा गया है, “हमारे क्लाइंट (गडकरी) 1 मार्च, 2024 को सुबह 9.36 बजे एक्स (ट्विटर) पर वीडियो को जानकर और देखकर हैरान रह गए। कांग्रेस नेताओं ने जानबूझकर 19 सेकंड की ऑडियो और वीडियो क्लिपिंग को पोस्ट किया। इंटरव्यू का प्रासंगिक आशय और अर्थ बड़े पैमाने पर जनता की नज़रों में गडकरी के प्रति भ्रम, सनसनी और बदनामी पैदा करने के एकमात्र इरादे और गुप्त उद्देश्यों के साथ किया गया भयावह कृत्य है।''

कानूनी नोटिस में यह भी कहा गया है कि 'यह भाजपा की एकजुटता में दरार पैदा करने का एक निरर्थक प्रयास भी है जो जबकि भाजपा आम चुनाव जीतने के लिए तैयार है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में आगामी आम चुनाव में लोगों का विश्वास हासिल कर लड़ा जाएगा।''

कांग्रेस ने शुक्रवार को गडकरी के कथित बयान को साझा किया था। दरअसल, उन्होंने कुछ ऐसा बयान ही दिया है जो सरकार के लिए असहज करने वाला है। यही आरोप विपक्षी दलों के नेता मोदी सरकार पर हमला करने के लिए लगाते रहे हैं। गडकरी ने कहा है कि गाँव, ग़रीब, मजदूर और किसानों की हालत ख़राब है। गडकरी ने एक मीडिया के साथ इंटरव्यू में जो कहा है उसको कांग्रेस ने साझा किया है, 'आज गाँव, गरीब, मज़दूर और किसान दुखी हैं। गाँवों में अच्छे रोड नहीं, पीने के लिए शुद्ध पानी नहीं, अच्छे अस्पताल नहीं, अच्छे स्कूल नहीं हैं।'

उनकी हालत ख़राब होने की वजह भी केंद्रीय मंत्री ने बताई है। द लल्लनटॉप के साथ इंटरव्यू में नितिन गडकरी ने कहा है, '...इसका कारण यह है कि जल, जंगल, जमीन और जानवर, रुरल, एग्रीकल्चर और ट्राइबल... ये जो इकोनमी है यहाँ अच्छे रोड नहीं हैं। पीने के लिए शुद्ध पानी नहीं है। अच्छे स्कूल नहीं हैं। किसान की फसल के अच्छे भाव नहीं है।' 
राजनीति से और खबरें

गडकरी कहते हैं कि 'हरियाणा और पंजाब में गेहूँ और चावल रखने के लिए हमको रेलवे के प्लेटफॉर्म इस्तेमाल करने पड़े। हमारे पास स्टोरेज कैपेसिटी नहीं है। ...फर्टिलाइजर की क़ीमतें बढ़ गईं। ...सीमेंट और स्टील की बढ़ गईं। पर अनाज की क़ीमत लगभग वैसी ही है। 20 साल पहले चावल का भाव क्या था और आज क्या है। ज़्यादा बढ़ोतरी नहीं हुई है। इसके कारण खेती आर्थिक रूप से नॉन-वायबल हो गई।'

बहरहाल, मुद्दा गरमाने पर नितिन गडकरी के कार्यालय ने पीआईबी के फैक्ट चेक को साझा किया है और कांग्रेस द्वारा साझा किए गए वीडियो क्लिप और ट्वीट को फर्जी बताया है।

सत्य हिन्दी ऐप डाउनलोड करें

गोदी मीडिया और विशाल कारपोरेट मीडिया के मुक़ाबले स्वतंत्र पत्रकारिता का साथ दीजिए और उसकी ताक़त बनिए। 'सत्य हिन्दी' की सदस्यता योजना में आपका आर्थिक योगदान ऐसे नाज़ुक समय में स्वतंत्र पत्रकारिता को बहुत मज़बूती देगा। याद रखिए, लोकतंत्र तभी बचेगा, जब सच बचेगा।

नीचे दी गयी विभिन्न सदस्यता योजनाओं में से अपना चुनाव कीजिए। सभी प्रकार की सदस्यता की अवधि एक वर्ष है। सदस्यता का चुनाव करने से पहले कृपया नीचे दिये गये सदस्यता योजना के विवरण और Membership Rules & NormsCancellation & Refund Policy को ध्यान से पढ़ें। आपका भुगतान प्राप्त होने की GST Invoice और सदस्यता-पत्र हम आपको ईमेल से ही भेजेंगे। कृपया अपना नाम व ईमेल सही तरीक़े से लिखें।
सत्य अनुयायी के रूप में आप पाएंगे:
  1. सदस्यता-पत्र
  2. विशेष न्यूज़लेटर: 'सत्य हिन्दी' की चुनिंदा विशेष कवरेज की जानकारी आपको पहले से मिल जायगी। आपकी ईमेल पर समय-समय पर आपको हमारा विशेष न्यूज़लेटर भेजा जायगा, जिसमें 'सत्य हिन्दी' की विशेष कवरेज की जानकारी आपको दी जायेगी, ताकि हमारी कोई ख़ास पेशकश आपसे छूट न जाय।
  3. 'सत्य हिन्दी' के 3 webinars में भाग लेने का मुफ़्त निमंत्रण। सदस्यता तिथि से 90 दिनों के भीतर आप अपनी पसन्द के किसी 3 webinar में भाग लेने के लिए प्राथमिकता से अपना स्थान आरक्षित करा सकेंगे। 'सत्य हिन्दी' सदस्यों को आवंटन के बाद रिक्त बच गये स्थानों के लिए सामान्य पंजीकरण खोला जायगा। *कृपया ध्यान रखें कि वेबिनार के स्थान सीमित हैं और पंजीकरण के बाद यदि किसी कारण से आप वेबिनार में भाग नहीं ले पाये, तो हम उसके एवज़ में आपको अतिरिक्त अवसर नहीं दे पायेंगे।
क़मर वहीद नक़वी
सर्वाधिक पढ़ी गयी खबरें

अपनी राय बतायें

राजनीति से और खबरें

ताज़ा ख़बरें

सर्वाधिक पढ़ी गयी खबरें