अभय चौटाला (बाएं) और दुष्यंत चौटाला (दाएं)
दुष्यंत और उनकी पार्टी अनिश्चित स्थिति में है। तब से, जेजेपी कई मोर्चों पर चुनौतियों से जूझ रही है। दुष्यंत के विधायक उनके खिलाफ मुखर रहे हैं, खुलेआम उनकी और उनकी नीतियों की आलोचना कर रहे हैं। जेजेपी के तीन विधायकों ने यह कहते हुए पार्टी छोड़ दी है कि वे भाजपा की कार्यप्रणाली, दूरदर्शिता और भविष्य की नीतियों से प्रभावित हैं। इस साल अप्रैल में जेजेपी नेतृत्व को एक और झटका देते हुए, पार्टी की हरियाणा इकाई के अध्यक्ष निशान सिंह ने भी कांग्रेस में शामिल होने के लिए इस्तीफा दे दिया।
अभय चौटाला की पॉलिटिक्स क्या हैः हरियाणा में कभी इनैलो बुलंदियों पर थी। लेकिन भ्रष्टाचार और पारिवारिक कलह की वजह से पार्टी गर्त में चली गई। इस आंकड़े से आप अंदाजा लगा सकते हैं कि इनैलो की स्थिति इस समय क्या है। आम चुनाव 2024 में हरियाणा में इनेलो का वोट शेयर 1.74 फीसदी था। अभय चौटाला बस इसी बात से संतोष कर सकते हैं कि उनके भाई की पार्टी जेजेपी के मुकाबले यह वोट शेयर ज्यादा है। जेजेपी को 0.87 फीसदी वोट मिले थे। अभय चौटाला की हिम्मत की दाद देनी होगी कि बंदे ने हार नहीं मानी है और अक्टूबर में होने वाले विधानसभा चुनाव में उतरने को तैयार हैं।