loader

हिमाचल से संदेश - बीजेपी को हराया जा सकता है? 

हिमाचल प्रदेश में बीजेपी की हार और कांग्रेस की जीत के बाद एक बात साफ हो गयी है कि अखिल भारतीय स्तर पर बीजेपी का मुकाबला करने की ताकत सिर्फ और सिर्फ कांग्रेस में है। प्रियंका गांधी ने अपने नेतृत्व से जीत दिलाने वाली विश्वसनीयता हासिल की है और राहुल गांधी ने पूरी कांग्रेस के सामने मेंटॉर के रूप में खुद को पेश करने में सफलता पायी है।

बीजेपी को अखिल भारतीय स्तर पर मात देने का माद्दा कांग्रेस में ही है। इस बात की नये सिरे से तस्दीक करती है हिमाचल प्रदेश में कांग्रेस की बीजेपी पर जीत। क्षेत्रीय स्तर पर बीजेपी के हारने या उसे हराने के कई उदाहरण हैं। लेकिन, किसी राष्ट्रीय पार्टी में यह क्षमता नहीं दिखती। 

नयी-नयी राष्ट्रीय पार्टी का दर्जा हासिल करने जा रही आम आदमी पार्टी को अभी इस कसौटी पर खरा उतरना बाकी है।

ताज़ा ख़बरें

‘आप’ को करना है मीलों सफर

बीजेपी का विकल्प आप बने, इसके लिए उसे मीलों सफर करना बाकी है। आम आदमी पार्टी ने दिल्ली से बाहर अब तक अहिन्दी भाषी क्षेत्रों में ही अपनी उपस्थिति दर्ज करा पायी है। चाहे वह गोवा हो या फिर पंजाब या फिर गुजरात। आम आदमी पार्टी बिहार और यूपी जैसे राज्यों में भी अब तक कुछ हासिल नहीं कर सकी है। इसकी एक वजह जातिवादी सियासत भी है जो आम आदमी पार्टी की राह में बाधा है।

राष्ट्रीय राजनीति में बीजेपी को चुनौती देने की बात उठने पर आम आदमी पार्टी का दावा इसलिए भी कमजोर दिखता है क्योंकि लोकसभा चुनावों में उसका प्रदर्शन लचर रहा है। दिल्ली में एक भी लोकसभा सीट नहीं जीत पाना या फिर पंजाब में जीती हुई लोकसभा सीट संगरूर को सत्ता में रहते हुए खो देना यह बताता है कि जनता राष्ट्रीय फलक पर ‘आप’ को नहीं देखती। इसके अलावा जब 2014 में आम आदमी पार्टी ने चुनाव लड़ा था तो उसने जमानत जब्त कराने का विश्व रिकॉर्ड भी बनाया था। नरेंद्र मोदी के मुकाबले वाराणसी में भी केजरीवाल फिसड्डी साबित हुए थे।

भारत जोड़ो यात्रा की अहमियत बढ़ी

हिमाचल प्रदेश में कांग्रेस की जीत के बाद आम चुनाव में उन राजनीतिक शक्तियों में भी विश्वास पैदा होगा जो बीजेपी को आम चुनाव में हराना चाहती हैं। कांग्रेस को बीजेपी विरोध की सियासत का ध्रुव बनने में भी मदद करेगी। इस लिहाज से राहुल गांधी की “भारत जोड़ो यात्रा’ का महत्व भी बढ़ गया है।

Himachal Pradesh elections 2022 Congress defeats bjp - Satya Hindi

वामदलों ने भारत जोड़ो यात्रा से जुड़ने की घोषणा की है। उसे भी इसी नजरिए से देखा जा सकता है। इससे पहले महाराष्ट्र में एनसीपी और शिवसेना भी ‘भारत जोड़ो यात्रा’ में भाग ले चुकी है। देशभर की सिविल सोसायटी से जुड़े लोग इस यात्रा से जुड़ते रहे हैं। दक्षिण से उत्तर की ओर बढ़ती यह यात्रा राजस्थान में है जहां 2023 में विधानसभा चुनाव होना है। 

प्रियंका के सामने मोदी-नड्डा साबित हुए बौने

हिमाचल प्रदेश की जीत ने कांग्रेस को प्रियंका गांधी के रूप में एक ऐसा नेता भी दिया है जो न सिर्फ भीड़ जुटा सकती है बल्कि नतीजे भी दे सकती है। यह प्रियंका गांधी का दुर्भाग्य ही रहा है कि संगठनविहीन उत्तर प्रदेश की प्रभारी के तौर पर उऩ्हें असफल करार दिया जाता रहा। हिमाचल प्रदेश में प्रियंका ने साबित किया है कि संगठन रहे तो वह बीजेपी से सत्ता छीन कर दिखा सकती हैं।

हिमाचल प्रदेश ने न सिर्फ प्रियंका गांधी के नेतृत्व को स्थापित किया है बल्कि बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा के नेतृत्व के सामने प्रियंका गांधी के नेतृत्व को वरीयता दी है। यह बेहद महत्वपूर्ण बात है। इससे भी महत्वपूर्ण यह है कि हिमाचल में नरेंद्र मोदी ने अपने चेहरे को दांव पर लगाया था और वे अपना चेहरा इस चुनाव में हार चुके हैं।

बुरे दौर से उबरने को तैयार कांग्रेस

2022 का आगाज बीजेपी ने पांच राज्यों में से चार राज्यों- उत्तर प्रदेश, उत्तराखण्ड, गोवा और मणिपुर-  में दोबारा जीत दर्ज करते हुए किया था।उसके हाथ में 18 राज्य बने रहे। कांग्रेस के लिए यह बहुत बुरा दौर रहा जब वह एक भी राज्य में वापसी नहीं कर सकी।

2022 के अंत होते-होते हिमाचल प्रदेश की कमान बीजेपी के हाथ से निकलकर कांग्रेस के हाथ में आ गयी है। हालांकि पंजाब को कांग्रेस ने पहले ही खो दिया था। इस तरह अब देश में बीजेपी के नेतृत्व वाली 17 राज्य सरकारें हैं जबकि कांग्रेस के पास तीन राज्य हैं।

सपना बना ‘कांग्रेस मुक्त भारत’

2019 में अधिकतम 21 राज्यों पर बीजेपी का शासन था। तभी ‘कांग्रेस मुक्त भारत’ का नारा उभरा था। मगर, उसी साल कांग्रेस ने राजस्थान, मध्यप्रदेश और छत्तीसगढ़ में वापसी कर इस नारे की हवा निकाल दी और बीजेपी शासित राज्यों की संख्या 18 पर आ गयी। हालांकि मध्यप्रदेश दोबारा बीजेपी की झोली में चला गया।

2023 में 9 राज्यों में चुनाव होने जा रहे हैं। सबसे पहले मेघालय, नगालैंड और त्रिपुरा में फरवरी-मार्च 2023 में चुनाव होंगे। फिर कर्नाटक और उससे आगे मध्यप्रदेश, छत्तीसगढ़, राजस्थान, मिजोरम और तेलंगाना में चुनाव होंगे। इनमें दो राज्यों में कांग्रेस, एक राज्य में टीआरएस और बाकी राज्यों में बीजेपी की सरकारें हैं। 

Himachal Pradesh elections 2022 Congress defeats bjp - Satya Hindi

2023: कांग्रेस और बीजेपी दोनों के लिए अहम

त्रिपुरा में टीएमसी और तेलंगाना में टीआरएस के अलावा बाकी राज्यों में कांग्रेस ही बीजेपी को हराने की क्षमता रखती है। 2023 में होने वाले ये चुनाव कांग्रेस और बीजेपी दोनों के लिए 2024 के आम चुनाव के लिहाज से महत्वपूर्ण हैं। 

हिमाचल प्रदेश में जीत कांग्रेस को निराशा के दौर से निकालने वाली जीत है। भारत जोड़ो यात्रा के बीच यह जीत खास तौर से मध्यप्रदेश, छत्तीसगढ़ और राजस्थान में कांग्रेस को मजबूती से चुनाव लड़ने के लिए प्रेरित करेगी।

राजनीति से और खबरें

मध्य प्रदेश, राजस्थान और छत्तीसगढ़ में आम आदमी पार्टी चुनाव लड़ने की सोच सकती है लेकिन वह इन प्रदेशों में कांग्रेस या बीजेपी से सत्ता छीन पाने की स्थिति में नहीं है। पूर्वोत्तर से अब तक आप दूर है। 

राहुल गांधी की भारत जोड़ा यात्रा और प्रियंका गांधी का एक नेतृत्वकर्ता के रूप में उदय दो ऐसी घटनाएं हैं जो बताती हैं कि 2023 और 2024 में बीजेपी को मजबूत चुनौती कांग्रेस देने जा रही है। यह संदेश साफ तौर पर गया है कि मोदी मैजिक को निस्तेज किया जा सकता है, दुनिया की सबसे बड़ी पार्टी को हराया जा सकता है और बीजेपी के विजय रथ को रोका जा सकता है। 

सत्य हिन्दी ऐप डाउनलोड करें

गोदी मीडिया और विशाल कारपोरेट मीडिया के मुक़ाबले स्वतंत्र पत्रकारिता का साथ दीजिए और उसकी ताक़त बनिए। 'सत्य हिन्दी' की सदस्यता योजना में आपका आर्थिक योगदान ऐसे नाज़ुक समय में स्वतंत्र पत्रकारिता को बहुत मज़बूती देगा। याद रखिए, लोकतंत्र तभी बचेगा, जब सच बचेगा।

नीचे दी गयी विभिन्न सदस्यता योजनाओं में से अपना चुनाव कीजिए। सभी प्रकार की सदस्यता की अवधि एक वर्ष है। सदस्यता का चुनाव करने से पहले कृपया नीचे दिये गये सदस्यता योजना के विवरण और Membership Rules & NormsCancellation & Refund Policy को ध्यान से पढ़ें। आपका भुगतान प्राप्त होने की GST Invoice और सदस्यता-पत्र हम आपको ईमेल से ही भेजेंगे। कृपया अपना नाम व ईमेल सही तरीक़े से लिखें।
सत्य अनुयायी के रूप में आप पाएंगे:
  1. सदस्यता-पत्र
  2. विशेष न्यूज़लेटर: 'सत्य हिन्दी' की चुनिंदा विशेष कवरेज की जानकारी आपको पहले से मिल जायगी। आपकी ईमेल पर समय-समय पर आपको हमारा विशेष न्यूज़लेटर भेजा जायगा, जिसमें 'सत्य हिन्दी' की विशेष कवरेज की जानकारी आपको दी जायेगी, ताकि हमारी कोई ख़ास पेशकश आपसे छूट न जाय।
  3. 'सत्य हिन्दी' के 3 webinars में भाग लेने का मुफ़्त निमंत्रण। सदस्यता तिथि से 90 दिनों के भीतर आप अपनी पसन्द के किसी 3 webinar में भाग लेने के लिए प्राथमिकता से अपना स्थान आरक्षित करा सकेंगे। 'सत्य हिन्दी' सदस्यों को आवंटन के बाद रिक्त बच गये स्थानों के लिए सामान्य पंजीकरण खोला जायगा। *कृपया ध्यान रखें कि वेबिनार के स्थान सीमित हैं और पंजीकरण के बाद यदि किसी कारण से आप वेबिनार में भाग नहीं ले पाये, तो हम उसके एवज़ में आपको अतिरिक्त अवसर नहीं दे पायेंगे।
प्रेम कुमार
सर्वाधिक पढ़ी गयी खबरें

अपनी राय बतायें

राजनीति से और खबरें

ताज़ा ख़बरें

सर्वाधिक पढ़ी गयी खबरें