कौन नहीं जानता कि उपराष्ट्रपति देश का दूसरा सबसे बड़ा संवैधानिक पद और देश का दूसरा सर्वोच्च नागरिक होता है। याद तो यह दिलाना है कि भारतीय लोकतंत्र की संरचना में राज्यसभा का पदेन सभापति महज एक संवैधानिक व्यवस्था भर नहीं, बल्कि उच्च सदन में गरिमा, संतुलन और निष्पक्षता का प्रतीक भी माना जाता है। राज्यसभा में राज्यों का प्रतिनिधित्व होता है। तो सभापति से सीधे राज्यों की, देश की आशाएं, अपेक्षाएं जुड़ी होती हैं। सभापति के रूप में उपराष्ट्रपति राज्यसभा के उस महत्वपूर्ण संवैधानिक मंच का संचालक होता है, जहाँ नीति, संवाद और विपक्ष की विवेकपूर्ण भूमिका आकार लेती है।
उपराष्ट्रपतिः भारत को सभापति चाहिए लेकिन क्या भाजपा को सिर्फ प्रवक्ता?
- राजनीति
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- 28 Jul, 2025

Jagdeep Dhankhar: जगदीप धनखड़ का इस्तीफा देश की लोकतांत्रिक संस्था की संवैधानिक गिरावट का प्रतीक है। सवाल यह है कि सत्तारूढ़ बीजेपी एक निष्पक्ष, गरिमापूर्ण उपराष्ट्रपति और राज्यसभा सभापति चाहती है या सिर्फ पार्टी प्रवक्ता?