आरएलडी आख़िरकार एनडीए में शामिल हो गया। इसकी औपचारिक घोषणा जयंत चौधरी ने सोमवार को की। उन्होंने किस वजह से और किन हालात में बीजेपी के नेतृत्व वाले एनडीए का हाथ थामा है, इसका जवाब भी उन्होंने दिया। एनडीए में शामिल होने का साफ़ संकेत तो उसी दिन मिल गया था जिस दिन प्रधानमंत्री मोदी ने चौधरी चरण सिंह को भारत रत्न देने की घोषणा की थी और उस पर जयंत ने टिप्पणी में कहा था- 'दिल जीत लिया!'
राष्ट्रीय लोक दल के प्रमुख जयंत चौधरी ने सोमवार को कहा कि उनकी पार्टी एनडीए के साथ गठबंधन में आगामी लोकसभा चुनाव लड़ेगी। उनकी पार्टी पहले विपक्ष के इंडिया गठबंधन का हिस्सा थी। बिहार में नीतीश कुमार की अगुवाई वाली जेडीयू के बाद आरएलडी पिछले एक महीने में इंडिया गठबंधन से बाहर निकलने वाला दूसरा दल बन गया है। 
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पत्रकारों से बात करते हुए जयंत ने कहा कि इस फैसले के पीछे कोई बड़ी योजना नहीं थी। उन्होंने कहा, 'मैंने अपनी पार्टी के सभी विधायकों और कार्यकर्ताओं से बात करने के बाद यह फैसला लिया है। इस फैसले के पीछे कोई बड़ी योजना नहीं थी, हालात को देखते हुए हमें कम समय में यह फैसला लेना पड़ा। हमें एनडीए के साथ जाने का फैसला लेना पड़ा। हम लोगों के लिए कुछ अच्छा करना चाहते हैं...। जब से भारत रत्न से नवाजा गया है हम सबका मन प्रफुल्लित है...।'
जयंत ने यह घोषणा पार्टी संस्थापक और अपने दिवंगत पिता चौधरी अजित सिंह की जयंती पर की। इस साल लोकसभा चुनाव से पहले आरएलडी का एनडीए में शामिल होना पश्चिमी उत्तर प्रदेश में गेम चेंजर साबित हो सकता है। हालांकि बीजेपी के पास जयंत की मदद के बिना पश्चिमी यूपी जीतने की ताकत है, लेकिन उन्हें अपने साथ रखने से कुछ अतिरिक्त सीटें जीतने में उसे मदद मिल सकती है। आरएलडी के बाहर निकलने से समाजवादी पार्टी को नुकसान होने की संभावना है। 
जयंत के एनडीए में शामिल होने के साफ़ संकेत 9 फ़रवरी को ही तब मिल गए थे जब मोदी सरकार ने पूर्व प्रधानमंत्री चौधरी चरण सिंह को मरणोपरांत भारत रत्न देने की घोषणा की थी। प्रधानमंत्री मोदी ने ट्वीट कर चौधरी चरण सिंह को देश के सर्वोच्च सम्मान की घोषणा की थी और उनके योगदान को अतुलनीय क़रार दिया। पीएम मोदी ने कहा था कि चौधरी चरण सिंह ने अपना जीवन किसानों के कल्याण के लिए समर्पित कर दिया, चाहे उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री के रूप में या देश के गृह मंत्री के रूप में, और यहां तक कि विधायक के रूप में, उन्होंने हमेशा राष्ट्र निर्माण को गति दी। 

पीएम मोदी की इस घोषणा पर ही जयंत सिंह ने उनकी पोस्ट को रिपोस्ट करते हुए अपनी प्रतिक्रिया में कहा था - 'दिल जीत लिया!'

इस घोषणा के बाद प्रेस कॉन्फ़्रेंस में जयंत ने इसके लिए राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री मोदी सरकार का धन्यवाद दिया था। एनडीए में शामिल होने की बात पर आरएलडी प्रमुख जयंत चौधरी ने कहा था, 'कोई कसर रहती है। आज मैं किस मुंह से इंकार करूं.... आपके सवालों को...।' उन्होंने पीएम मोदी की तारीफ़ करते हुए कहा था कि प्रधानमंत्री देश की मूल भावना समझते हैं। उन्होंने कहा था कि कांग्रेस इसे चुनाव से नहीं जोड़े, मैं कांग्रेस की आलोचना करता हूँ। हालाँकि, उन्होंने तब एनडीए में शामिल होने के सीधे सवाल को टाल दिया था।  
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हाल के दिनों तक कहा जा रहा था कि यूपी में लोकसभा चुनाव के लिए समाजवादी पार्टी और जयंत के आरएलडी के बीच गठबंधन हो गया है। इसकी पुष्टि पिछले महीने खुद जयंत चौधरी और अखिलेश यादव ने ही की थी। 'राष्ट्रीय लोक दल और सपा के गठबंधन की सभी को बधाई!' वाले अखिलेश यादव के ट्वीट पर जयंत चौधरी ने कहा था, 'राष्ट्रीय, संवैधानिक मूल्यों के रक्षा के लिए सदैव तत्पर, हमारे गठबंधन के सभी कार्यकर्ताओं से उम्मीद है, अपने क्षेत्र के विकास और ख़ुशहाली के लिए कदम मिलाकर आगे बढ़ें!'

आरएलडी का एनडीए में जाना यूपी में विपक्षी इंडिया गठबंधन के लिए एक बड़ा झटका है। ऐसे समय में जब कांग्रेस और समाजवादी पार्टी भी सीट-बँटवारे पर मतभेदों को सुलझाने का प्रयास कर रहे हैं।