कांग्रेस अपने अंदरुनी संकटों से इस तरह बाहर निकल आएगी, उसकी उम्मीद राजनीतिक विश्लेषकों तक ने छोड़ दी थी। लेकिन अब जिस तरह से पिछले 8 महीनों में 81 साल के बुजुर्ग मल्लिकार्जुन खड़गे ने कांग्रेस को जिन्दा कर दिया है, उसकी चर्चा हर जुबान पर है। खड़गे को जब गांधी परिवार ने पार्टी की बागडोर सौंपी थी तो उस वक्त तमाम राजनीतिक विश्लेषकों ने लिखा था कि वो गांधी परिवार के इशारे पर काम करेंगे और पार्टी को अब खड़ा कर पाना मुश्किल है। लेकिन आज उन्हीं मल्लिकार्जुन खड़गे को गांधी परिवार से तालमेल बिठाते हुए कांग्रेस पार्टी के लिए परिपक्व फैसला लेने वाले शख्स के रूप में जाना जा रहा है।