छगन भुजबल (बाएं) और फडणवीस
ऐसा नहीं है कि भाजपा से असंतोष जताने के बयान नहीं आ रहे हैं। मंत्री नहीं बनाये गए दूसरे बड़े नेता, सुधीर मुनगंटीवार ने मुख्यमंत्री देवेन्द्र फडणवीस के इस दावे का खंडन किया है कि उन्हें "लंबी चर्चा" के बाद हटाया गया। फडवीस ने कहा था, "हमने कैबिनेट विस्तार पर सुधीर मुनगंटीवार के साथ लंबी चर्चा की। अगर उन्हें मंत्री पद नहीं मिलता है, तो संभावना है कि पार्टी उन्हें कोई बड़ी जिम्मेदारी देगी।"
एकनाथ शिंदे की शिवसेना में भी भारी विरोध हो रहा है। उसके एक विधायक नरेंद्र भोंडेकर पहले ही पार्टी पद छोड़ चुके हैं। पुरंदर से विधायक विजय शिवतारे ने कहा कि वह 'मंत्री पद से नहीं, बल्कि अपने साथ हुए बर्ताव से दुखी हैं।' उन्होंने शामिल किए गए मंत्रियों के लिए ढाई-ढाई साल के फॉर्मूले का जिक्र करते हुए संवाददाताओं से कहा, ''तीनों नेताओं ने ठीक से संवाद नहीं किया। अगर मुझे 2.5 साल बाद भी मंत्री पद दिया जाता है तो भी मैं मंत्री पद नहीं लूंगा।''