अजीत पवार ने गुरुवार को दिल्ली में उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फणनवीस के साथ गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात कर सीट बंटवारे पर चर्चा की। उन्होंने कहा कि अजीत पवार पर उनकी पार्टी के नेताओं का दबाव है कि वे 80-90 सीटों से कम पर समझौता न करें। उनका तर्क है कि उन्हें उन सभी 54 सीटों पर चुनाव लड़ना चाहिए जो अविभाजित एनसीपी ने 2019 के विधानसभा चुनावों में जीती थीं। इसके अलावा 30 और भी सीटें इस गुट को चाहिए।
4 जून को आए लोकसभा नतीजों के बाद से ऐसी अटकलें लगाई जा रही हैं कि अजीत पवार की पार्टी के सदस्य शरद पवार के गुट के संपर्क में हैं और असली एनसीपी में लौटना चाहते हैं। इससे अजीत पवार पर यह दबाव बढ़ रहा है कि पार्टी पर्याप्त उम्मीदवार उतारे ताकि असंतोष और संभावित बदलाव को कम से कम किया जा सके। यानी अगर कुछ विधायक टूट कर शरद पवार की शरण में जाते हैं तो अजीत पवार उनकी जगह दूसरों को टिकट दे सकें।