संसद के मानसून सत्र में ऑपरेशन सिंदूर पर होने वाली बहस से पहले कांग्रेस के दिग्गज नेता पी. चिदंबरम के एक बयान पर सियासी तूफ़ान खड़ा हो गया है! चिदंबरम ने एक इंटरव्यू में पहलगाम हमले के आतंकवादियों को लेकर एक बयान दिया था। बीजेपी ने उस बयान को 'पाकिस्तान को क्लीन चिट' देने की साज़िश क़रार दिया। चिदंबरम ने जवाब में बीजेपी को 'ट्रोल्स' की फौज बताया और दावा किया कि वह उनके बयान को तोड़-मरोड़कर पेश कर रही है।

चिदंबरम के किस बयान पर विवाद 

पी. चिदंबरम ने द क्विंट को दिए एक साक्षात्कार में राष्ट्रीय जाँच एजेंसी यानी एनआईए और सरकार की चुप्पी पर सवाल उठाए। उन्होंने कहा, 'क्या एनआईए ने आतंकियों की पहचान की है? वे कहां से आए थे? जहां तक हम जानते हैं, वे घरेलू आतंकवादी हो सकते हैं। आप क्यों मान रहे हैं कि वे पाकिस्तान से आए? इसका कोई सबूत नहीं है।' इससे पहले उन्होंने कहा कि क्यों आतंकवादियों की पहचान नहीं हो पाई है। उन्होंने कहा कि ख़बर आई कि दो-तीन लोगों को गिरफ़्तार किया गया है जिन्होंने उन आतंकवादियों को शरण दी थी। उन्होंने पूछा कि यदि इन लोगों ने शरण दी थी तो आख़िर इन गिरफ़्तार लोगों से यह पता क्यों नहीं लगाया जा सका है कि आतंकवादी कौन थे और वे कहाँ से आए थे। उन्होंने कहा कि इस पूरे मामले को छुपाने की कोशिश की जा रही है।
इसके अलावा, चिदंबरम ने ऑपरेशन सिंदूर के दौरान सरकार पर नुक़सान छिपाने का आरोप लगाया और कहा कि युद्ध में दोनों पक्षों को नुकसान होता है, जिसे स्वीकार करना चाहिए। उन्होंने यह भी सवाल उठाया कि सरकार संसद में इस मुद्दे पर चर्चा से क्यों कतरा रही है और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इस पर चुप क्यों हैं। चिदंबरम के इस बयान ने बीजेपी को हमला करने का मौका दे दिया। बीजेपी नेताओं ने इसे राष्ट्रीय सुरक्षा के मुद्दे पर कांग्रेस की 'पाकिस्तान परस्त' मानसिकता का सबूत बताया।

बीजेपी नेताओं की तीखी प्रतिक्रिया

बीजेपी आईटी सेल प्रमुख अमित मालवीया ने चिदंबरम के बयान की एक क्लिप एक्स पर साझा करते हुए कहा, "एक बार फिर कांग्रेस ने पहलगाम आतंकी हमले के बाद पाकिस्तान को क्लीन चिट देने की जल्दबाजी दिखाई। यूपीए सरकार में गृह मंत्री रहे पी. चिदंबरम 'भगवा आतंक' सिद्धांत के प्रणेता थे, फिर से शर्मनाक बयान दे रहे हैं। राष्ट्रीय सुरक्षा के मामले में कोई अस्पष्टता नहीं होनी चाहिए, लेकिन कांग्रेस हमेशा दुश्मन की रक्षा के लिए झुक जाती है।"
बीजेपी प्रवक्ता शहजाद पूनावाला ने एक्स पर लिखा, '26/11 से लेकर सर्जिकल स्ट्राइक और अब पहलगाम तक, कांग्रेस का हाथ, पाकिस्तान के साथ!' उन्होंने चिदंबरम के बयान को संसद में ऑपरेशन सिंदूर पर बहस से पहले कांग्रेस की मानसिकता का प्रतीक बताया। बीजेपी सांसद निशिकांत दुबे ने चिदंबरम के बयान को 'देशद्रोही' करार देते हुए कहा, "कांग्रेस अब वह पार्टी नहीं रही जो स्वतंत्रता संग्राम में थी। राहुल गांधी ने चीन की कम्युनिस्ट पार्टी के साथ समझौता किया। ये लोग देश को बेचने की साजिश रच रहे थे, लेकिन पीएम मोदी के मजबूत नेतृत्व ने इसे रोक दिया।" केंद्रीय मंत्री प्रल्हाद जोशी ने कहा, "चिदंबरम ने पाकिस्तान को क्लीन चिट दी है। जब ये लोग सत्ता में थे, तब भी कहते थे कि आतंकी हमलों में पाकिस्तान का हाथ नहीं है। यह उनकी पुरानी आदत है।"

चिदंबरम ने ट्रोल्स क़रार दिया

पी. चिदंबरम ने बीजेपी के आरोपों का जवाब देते हुए एक्स पर लिखा, 'ट्रोल्स कई तरह के होते हैं और वे गलत सूचना फैलाने के लिए अलग-अलग हथियारों का इस्तेमाल करते हैं। सबसे खराब ट्रोल वह है जो पूरे रिकॉर्डेड साक्षात्कार को दबा देता है, दो वाक्यों को चुनता है, कुछ शब्दों को म्यूट करता है और वक्ता को बदनाम करता है!' उन्होंने दावा किया कि उनके बयान को संदर्भ से हटाकर गलत तरीके से पेश किया जा रहा है। 
उनके बेटे कार्ति चिदंबरम ने भी एक्स पर लिखा, 'जो लोग जल्दबाजी में टिप्पणी कर रहे हैं, उन्हें पूरा 40 मिनट का साक्षात्कार देखना चाहिए।'

संसद में बहस का माहौल

पहलगाम हमले और इसके जवाब में भारत द्वारा शुरू किए गए ऑपरेशन सिंदूर पर संसद में सोमवार को मैराथन बहस हो रही है। विपक्ष ने सरकार से कई सवाल उठाए हैं, जिनमें यह भी शामिल है कि पहलगाम हमले के आतंकियों को अब तक क्यों नहीं पकड़ा गया और ऑपरेशन सिंदूर के दौरान हुए नुकसान को क्यों छिपाया जा रहा है। कांग्रेस ने यह भी सवाल उठाया कि युद्धविराम की घोषणा भारत सरकार ने नहीं, बल्कि तत्कालीन अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने क्यों की।

कांग्रेस का बीजेपी पर पलटवार

कांग्रेस सांसद इमरान मसूद ने चिदंबरम का समर्थन करते हुए कहा कि यह सरकार ही थी जिसने युद्धविराम स्वीकार कर पाकिस्तान को बराबरी का दर्जा दे दिया। वहीं, शिवसेना यूबीटी सांसद संजय राउत ने कहा, 'चिदंबरम साहब शायद सही कह रहे हैं। पहलगाम हमला केंद्र शासित जम्मू-कश्मीर में एक बड़ी सुरक्षा चूक थी। आतंकी 400 किमी अंदर घुस आए और अब तक नहीं पकड़े गए। गृह मंत्री अमित शाह को इस पर इस्तीफा देना चाहिए।'

पहलगाम हमला और ऑपरेशन सिंदूर

22 अप्रैल 2025 को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले में 26 नागरिकों की मौत हो गई थी। इसके जवाब में भारत ने ऑपरेशन सिंदूर शुरू किया, जिसमें पाकिस्तान और पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर यानी पीओके में आतंकी ठिकानों पर सटीक हमले किए गए। सरकार ने दावा किया कि ऑपरेशन 100% सफल रहा और भारत के स्वदेशी हथियारों की ताकत को साबित किया। हालांकि, विपक्ष ने सरकार पर कई सवाल खड़े किए हैं, जिसमें आतंकियों की पहचान, नुकसान की जानकारी और युद्धविराम की प्रक्रिया शामिल हैं।

चिदंबरम के बयान ने संसद में ऑपरेशन सिंदूर पर होने वाली बहस को और गर्म कर दिया है। बीजेपी जहां इसे राष्ट्रीय सुरक्षा पर कांग्रेस की नरम रुख का सबूत बता रही है, वहीं कांग्रेस और विपक्ष सरकार की जवाबदेही पर सवाल उठा रहे हैं। जैसे-जैसे संसद में बहस होगी, यह देखना दिलचस्प होगा कि दोनों पक्ष इस मुद्दे पर अपनी स्थिति को कैसे मज़बूत करते हैं।