loader

विपक्षी एकता: सोनिया-नीतीश-लालू मुलाक़ात का क्या नतीजा निकला?

2024 के लोकसभा चुनाव से पहले विपक्षी एकता की कवायद में लगे नीतीश कुमार और लालू यादव आज सोनिया गांधी से मिले। काफ़ी देर की मुलाक़ात के बाद दोनों नेताओं ने कहा है कि सोनिया ने उन्हें फिर से तब मिलने बुलाया है जब कांग्रेस अध्यक्ष पद का चुनाव हो जाए। कांग्रेस में अभी क़रीब दो दशक में पहली बार चुनाव होने के आसार हैं। इसी बीच हाल ही में बीजेपी से नाता तोड़कर और जेडीयू से हाथ मिलाने वाले नीतीश कुमार विपक्षी एकता को आकार देने में जुटे हैं। 

सोनिया से मुलाक़ात के बाद बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा, 'हम दोनों ने सोनिया गांधी से बातचीत की। हमें एकजुट होकर देश की प्रगति के लिए काम करना है। उनकी पार्टी के अध्यक्ष के चुनाव हैं जिसके बाद वह बात करेंगी।'

ताज़ा ख़बरें

मुलाक़ात को लेकर लालू यादव ने कहा, 'हमें बीजेपी को हटाना है और देश को बचाना है। उसके लिए हम सभी को एक साथ आना होगा जिस तरह से हमने बिहार में बीजेपी को हटाया। सोनिया गांधी से हमारी बातचीत हुई है। कांग्रेस पार्टी को नया अध्यक्ष मिलने के बाद उन्होंने हमें 10-12 दिनों के बाद फिर से मिलने के लिए कहा।'

बता दें कि नीतीश कुमार और सोनिया गांधी की पिछली मुलाकात साल 2015 में बिहार के विधानसभा चुनाव से पहले हुई थी। 2015 में नीतीश कुमार महागठबंधन के साथ मिलकर चुनाव लड़े थे और तब महागबठंधन को बड़ी सफलता मिली थी। लेकिन उसके बाद नीतीश कुमार फिर से बीजेपी के पाले में चले गए और अब एक बार फिर महागठबंधन के साथ आ गए हैं। 

महागठबंधन के साथ आने के बाद से नीतीश जोर शोर से विपक्षी एकता की कवायद में लगे हैं। नीतीश कुमार ने कुछ हफ्ते पहले दिल्ली आकर कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी, दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल, सीपीएम नेता सीताराम येचुरी, सपा संस्थापक मुलायम सिंह यादव, एनसीपी के मुखिया शरद पवार सहित विपक्ष के कई नेताओं से मुलाक़ात की थी। 

तेलंगाना के मुख्यमंत्री के. चंद्रशेखर राव ने भी पटना आकर नीतीश कुमार से 2024 लोकसभा चुनाव से पहले विपक्षी एकता को मज़बूत करने के मद्देनज़र मुलाक़ात की थी।

नीतीश कुमार के विपक्ष के पाले में आने के बाद से ही 2024 के लोकसभा चुनाव को लेकर विपक्षी दलों ने तैयारियां तेज कर दी हैं। पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा है कि वह झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन, नीतीश कुमार और अन्य विपक्षी नेताओं के साथ एक मंच पर आकर 2024 का लोकसभा चुनाव लड़ेंगी। बिहार में नीतीश कुमार के पाला बदलने के बाद से ही जेडीयू के नेता 2024 के चुनाव में नीतीश कुमार के प्रधानमंत्री बनने की बातें कहने लगे हैं। हालांकि नीतीश कुमार का कहना है कि वह किसी पद की दौड़ में नहीं हैं और सिर्फ विपक्षी दलों को एकजुट करना चाहते हैं। 

राजनीति से और ख़बरें

नीतीश कुमार कह रहे हैं कि उनका काम विपक्षी दलों को एकजुट करना है और अगर 2024 में विपक्ष एकजुट हुआ तो नतीजे अच्छे आएंगे। वह यह भी कह चुके हैं कि वह प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार नहीं हैं। हालांकि 2019 के लोकसभा चुनाव से पहले विपक्षी दलों को एकजुट करने की तमाम कोशिशें हुई थी लेकिन यह कोशिशें परवान नहीं चढ़ सकी थीं। 

तब तेलुगू देशम पार्टी के मुखिया और आंध्र प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू, तेलंगाना के मुख्यमंत्री के. चंद्रशेखर राव, पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कोशिश की थी कि विपक्षी दलों को एकजुट किया जाए लेकिन तमाम कोशिशों के बाद भी ऐसा नहीं हो सका था। तो क्या इस बार नीतीश की कोशिश रंग लाएगी? 

सत्य हिन्दी ऐप डाउनलोड करें

गोदी मीडिया और विशाल कारपोरेट मीडिया के मुक़ाबले स्वतंत्र पत्रकारिता का साथ दीजिए और उसकी ताक़त बनिए। 'सत्य हिन्दी' की सदस्यता योजना में आपका आर्थिक योगदान ऐसे नाज़ुक समय में स्वतंत्र पत्रकारिता को बहुत मज़बूती देगा। याद रखिए, लोकतंत्र तभी बचेगा, जब सच बचेगा।

नीचे दी गयी विभिन्न सदस्यता योजनाओं में से अपना चुनाव कीजिए। सभी प्रकार की सदस्यता की अवधि एक वर्ष है। सदस्यता का चुनाव करने से पहले कृपया नीचे दिये गये सदस्यता योजना के विवरण और Membership Rules & NormsCancellation & Refund Policy को ध्यान से पढ़ें। आपका भुगतान प्राप्त होने की GST Invoice और सदस्यता-पत्र हम आपको ईमेल से ही भेजेंगे। कृपया अपना नाम व ईमेल सही तरीक़े से लिखें।
सत्य अनुयायी के रूप में आप पाएंगे:
  1. सदस्यता-पत्र
  2. विशेष न्यूज़लेटर: 'सत्य हिन्दी' की चुनिंदा विशेष कवरेज की जानकारी आपको पहले से मिल जायगी। आपकी ईमेल पर समय-समय पर आपको हमारा विशेष न्यूज़लेटर भेजा जायगा, जिसमें 'सत्य हिन्दी' की विशेष कवरेज की जानकारी आपको दी जायेगी, ताकि हमारी कोई ख़ास पेशकश आपसे छूट न जाय।
  3. 'सत्य हिन्दी' के 3 webinars में भाग लेने का मुफ़्त निमंत्रण। सदस्यता तिथि से 90 दिनों के भीतर आप अपनी पसन्द के किसी 3 webinar में भाग लेने के लिए प्राथमिकता से अपना स्थान आरक्षित करा सकेंगे। 'सत्य हिन्दी' सदस्यों को आवंटन के बाद रिक्त बच गये स्थानों के लिए सामान्य पंजीकरण खोला जायगा। *कृपया ध्यान रखें कि वेबिनार के स्थान सीमित हैं और पंजीकरण के बाद यदि किसी कारण से आप वेबिनार में भाग नहीं ले पाये, तो हम उसके एवज़ में आपको अतिरिक्त अवसर नहीं दे पायेंगे।
क़मर वहीद नक़वी
सर्वाधिक पढ़ी गयी खबरें

अपनी राय बतायें

राजनीति से और खबरें

ताज़ा ख़बरें

सर्वाधिक पढ़ी गयी खबरें