ओम बिड़ला तीसरी बार राजस्थान में कोटा से भाजपा सांसद चुने गए हैं और बुधवार 26 जून को वो लोकसभा के स्पीकर ध्वनिमत से चुन लिए गए। विपक्ष ने सांकेतिक विरोध किया। लेकिन जब पलटूराम के नाम से मशहूर नीतीश कुमार की जेडीयू, अवसरवाद के लिए विख्यात चंद्रबाबू नायडू की टीडीपी और ईडी-सीबीआई से डरे हुए जगन मोहन रेड्डी की वाईएसआरसीपी जैसी पार्टियों का साथ भाजपा को मिला हो तो उसका मनचाहा विवादित शख्स स्पीकर बनना ही था। ओम बिड़ला के कंधे पर सवार होकर भाजपा आलाकमान (मोदी-शाह) अब उन सारे बड़े फैसलों को करने वाले हैं, जिसकी बाबत लोकसभा चुनाव 2024 से पहले खुद भाजपा के लोग बताते फिरते थे।
ओम बिड़लाः 'आलाकमान' और भाजपा की धुन पर नाचने वाला एक कलाकार
- राजनीति
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- 29 Mar, 2025

ओम बिड़ला 26 जून को फिर से दूसरी बार लोकसभा के स्पीकर चुन लिए गए। ओम बिड़ला का फिर से लोकसभा स्पीकर बनना संसदीय लोकतंत्र पर एक बड़ा प्रहार है। 17वीं लोकसभा में उनके विवादित फैसले और अमर्यादित बर्ताव 18वीं लोकसभा में नई बुलंदियों पर नहीं पहुंचेंगे, इसकी आशंका क्यों नहीं होनी चाहिए। दरअसल, उन्होंंने इसकी शुरुआत तो फिर से स्पीकर बनते ही 26 जून से कर दी है।