पांच राज्यों में विधानसभा चुनावों से पहले दिल्ली में भारतीय जनता पार्टी की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने पार्टी को एक बड़ा संदेश दिया कि बीजेपी कार्यकर्ताओं को सामान्य आदमी के मन के विश्वास का सेतु बनना चाहिए। साथ ही उन्होंने कार्यकर्ताओं को सेवा का मंत्र देते हुए कहा कि सेवा ही सच्ची पूजा है और बीजेपी का मूल्य सेवा, संकल्प और समर्पण है।
क्या बीजेपी में कोई नीलकंठ बनने को तैयार है?
- राजनीति
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- 8 Nov, 2021 

कहा जाता है कि सत्ता का यह चरित्र होता है कि वो आपको अपने ही लोगों से दूर करने लगती है क्योंकि तब आप स्वयं को ज़्यादा महत्वपूर्ण और काबिल समझने लगते हैं। इसलिए सत्ता में रहते वक्त प्रधानमंत्री के इस संदेश को ना केवल समझना बल्कि उसे व्यवहार में लाना ज़रूरी है ताकि आप सत्ता में बने रहें।
प्रधानमंत्री मोदी के इस भाषण में क्या कोई बड़ा संदेश छिपा है? पार्टी के लिए कोई आदेश या निर्देश है? अगर इसे समझने की कोशिश पार्टी के नेता और कार्यकर्ता करेंगे तो वे एक बेहतर नतीजे की उम्मीद कर सकते हैं। 
आम आदमी से बढ़ती दूरी
हाल में हुए 29 विधानसभा और तीन लोकसभा सीटों के उप-चुनावों के नतीजों ने बीजेपी को एक बड़ा झटका दिया होगा और इन नतीजों की तमाम वजहें गिनाई जा सकती हैं, लेकिन उन सबसे अलग एक बड़ी वजह है पार्टी के नेताओं की कार्यकर्ता और आम आदमी से बढ़ती दूरी। 




































