कमलनाथ
सूत्रों ने कहा कि "कमलनाथ की वजह से पार्टी ने वरिष्ठ नेता जेपी अग्रवाल को प्रभारी पद से हटाया कि कमलनाथ उन्हें प्रभारी के रूप में नहीं चाहते थे और उनके साथ काम करने से इनकार कर दिया था। बाद में रणदीप सुरजेवाला को भेजा गया, लेकिन कमल नाथ ने उन्हें भी नजरन्दाज कर दिया। यहां तक कि विधानसभा चुनाव में टिकट वितरण और प्रचार सब कुछ अपने हिसाब से तय किया। पार्टी के पर्यवेक्षकों की कोई बात नहीं सुनी।