विपक्षी उम्मीदवार के चयन में टीएमसी, डीएमके, शिवसेना, टीआरएस, आम आदमी पार्टी, वाम दलों का अहम रोल रहेगा। जबकि पांच राज्यों के चुनाव में कांग्रेस की हालत बेहद पतली रही है इसलिए राष्ट्रपति के चुनाव में वह यूपीए के किसी उम्मीदवार को मजबूती से खड़ा नहीं कर पाएगी।