क्या राहुल गांधी की यात्राएं उनकी जान का दुश्मन बन रही हैं, या यह बीजेपी की डराने वाली चाल है? केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल यानी सीआरपीएफ ने कथित तौर पर लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल पर सुरक्षा प्रोटोकॉल तोड़ने का बड़ा आरोप लगाते हुए कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे को पत्र लिखा है। कांग्रेस कह रही है "यह 'वोट चोरी' उजागर करने वाले राहुल को चुप कराने की साजिश है!' अमित मालवीय जैसे बीजेपी नेता आरोप लगा रहे हैं कि राहुल नियमों की धज्जियां उड़ा रहे हैं! क्या यह सुरक्षा का सवाल है या सियासी जंग?

इस सवाल का जवाब ढूंढने से पहले यह जान लीजिए कि आख़िर यह पूरा मामला क्या है। केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल यानी सीआरपीएफ ने लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी द्वारा कथित रूप से सुरक्षा प्रोटोकॉल के उल्लंघन को लेकर कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे को एक पत्र लिखा है। रिपोर्टें हैं कि सीआरपीएफ ने राहुल गांधी के देश और विदेश में 'बिना सूचना की अनियोजित यात्राओं' को लेकर चिंता जताई है। इसे वह उनकी सुरक्षा के लिए खतरा मानता है।
ताज़ा ख़बरें

राहुल की वीआईपी सुरक्षा कैसी?

राहुल गांधी को सीआरपीएफ की वीआईपी सुरक्षा इकाई द्वारा 'जेड प्लस (एएसएल)' श्रेणी की सशस्त्र सुरक्षा दी जाती है। इस सुरक्षा व्यवस्था के तहत जब भी राहुल गांधी यात्रा पर होते हैं, 10-12 सशस्त्र सीआरपीएफ कमांडो उनकी सुरक्षा सुनिश्चित करते हैं। इसके अलावा एडवांस्ड सिक्योरिटी लायजन यानी एएसएल के तहत सीआरपीएफ उनकी यात्रा से पहले संबंधित स्थानों की शुरुआती जांच करती है, जिसमें स्थानीय पुलिस और खुफिया इकाइयों के साथ समन्वय शामिल होता है।

सीआरपीएफ़ ने अपने पत्र में दावा किया है कि राहुल गांधी ने अपनी हाल की घरेलू और अंतरराष्ट्रीय यात्राओं के दौरान बिना पूर्व सूचना के ऐसी यात्राएं कीं जो पहले से तय नहीं थीं। सीआरपीएफ के पत्र में कहा गया है कि राहुल गांधी अपनी सुरक्षा को 'गंभीरता से नहीं ले रहे' और वे 'बिना किसी को सूचित किए' यात्राएं कर रहे हैं। 

कुछ दिन पहले खड़गे को भेजे गए पत्र में अर्धसैनिक बल की वीआईपी सुरक्षा इकाई ने राहुल की घरेलू यात्राओं के दौरान और विदेश यात्रा से पहले उनकी कुछ 'बिना सूचना के अनिर्धारित गतिविधियों' का ज़िक्र किया गया है।

द इंडियन एक्सप्रेस ने सूत्रों के हवाले से रिपोर्ट दी है कि पत्र में कहा गया है कि राहुल द्वारा कई मौकों पर सुरक्षा प्रोटोकॉल का उल्लंघन किया गया था और इस बारे में उन्हें समय-समय पर सूचित किया गया था। रिपोर्ट के अनुसार इसमें कहा गया है, '2020 से 113 उल्लंघन देखे गए हैं और विधिवत सूचित किया गया है।' यह भी कहा गया है कि उन्होंने अपनी भारत जोड़ो यात्रा के दौरान दिल्ली में भी सुरक्षा दिशानिर्देशों का उल्लंघन किया था। अंग्रेज़ी अख़बार ने कहा है कि इस मुद्दे पर सीआरपीएफ महानिदेशक ज्ञानेंद्र प्रताप सिंह और सीआरपीएफ़ प्रवक्ता को भेजे गए सवालों का कोई जवाब नहीं मिला।

कांग्रेस की प्रतिक्रिया

कांग्रेस ने इस पत्र के समय पर सवाल उठाते हुए इसे राजनीति से प्रेरित बताया है। पार्टी के प्रवक्ता पवन खेड़ा ने कहा, "सीआरपीएफ़ के पत्र का समय और इसका तुरंत सार्वजनिक होना परेशान करने वाले सवाल उठाता है। यह पत्र ठीक उस समय आया है जब राहुल गांधी चुनाव आयोग की मिलीभगत से की गई बीजेपी की 'वोट चोरी' की मुहिम के खिलाफ आवाज उठा रहे हैं।' 

खेड़ा ने पूछा, 
क्या यह विपक्ष के नेता को डराने की छिपी कोशिश है, जो जल्द ही एक और बड़ा खुलासा करने वाले हैं? क्या सरकार उनकी सच्चाई से घबरा गई है?
पवन खेड़ा
कांग्रेस प्रवक्ता

'वोट चोरी' का आरोप क्या?

यह विवाद ऐसे समय में सामने आया है जब राहुल गांधी बीजेपी और चुनाव आयोग पर 'वोट चोरी' के गंभीर आरोप लगा रहे हैं। उन्होंने हाल ही में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में दावा किया था कि बीजेपी और चुनाव आयोग मिलकर मतदाता सूचियों में हेरफेर कर रहे हैं। राहुल ने पहली बार बेंगलुरु साउथ की महादेवपुरा विधानसभा सीट पर कथित वोट चोरी को 'एटम बम' कहा था, जिसमें उन्होंने दावा किया था कि 1 लाख से अधिक वोटों में हेराफेरी हुई। अब वे 'हाइड्रोजन बम' के रूप में और बड़े खुलासे की बात कर रहे हैं। राहुल गांधी ने बिहार में 17 अगस्त से शुरू हुई 1300 किलोमीटर की 'वोटर अधिकार यात्रा' के समापन पर पटना में यह बयान दिया। इस यात्रा में कांग्रेस और इंडिया गठबंधन के नेताओं ने हिस्सा लिया और इसका मकसद बिहार विधानसभा चुनाव से पहले मतदाता सूची में कथित गड़बड़ियों को सामने लाना था।

अमित मालवीय और पवन खेड़ा

बीजेपी का पलटवार

बीजेपी ने इस मुद्दे को उठाते हुए राहुल गांधी पर सुरक्षा प्रोटोकॉल की अनदेखी करने का आरोप लगाया। बीजेपी आईटी सेल प्रमुख अमित मालवीय ने एक्स पर पोस्ट करते हुए कहा, 'सीआरपीएफ ने राहुल गांधी द्वारा सुरक्षा प्रोटोकॉल के उल्लंघन की सूचना दी है। येलो बुक प्रोटोकॉल के तहत, उच्च श्रेणी की सुरक्षा प्राप्त व्यक्तियों को तैनाती के लिए अपनी गतिविधियों, जिसमें विदेश यात्रा भी शामिल है, के बारे में पूर्व सूचना देनी होती है। राहुल गांधी ऐसा नहीं करते हैं...।'
राजनीति से और ख़बरें
बीजेपी ने यह भी कहा कि राहुल गांधी की सुरक्षा उनकी जिम्मेदारी है और उन्हें प्रोटोकॉल का पालन करना चाहिए। पार्टी ने कांग्रेस के आरोपों को खारिज करते हुए कहा कि यह केवल राजनीतिक नाटक है।

'येलो बुक' क्या है?

सीआरपीएफ का 'येलो बुक' वीआईपी सुरक्षा के लिए दिशानिर्देशों का एक दस्तावेज है, जिसमें प्रोटोकॉल का पालन करने की अनिवार्यता बताई गई है। इसमें यह भी शामिल है कि सुरक्षा प्राप्त व्यक्ति अपनी यात्राओं की पूर्व सूचना दे, ताकि सुरक्षा यूनिट उचित व्यवस्था कर सके।
सीआरपीएफ द्वारा राहुल गांधी के सुरक्षा प्रोटोकॉल उल्लंघन को लेकर उठाया गया मुद्दा और कांग्रेस की ओर से इसके समय पर सवाल उठाना एक बार फिर सत्तारूढ़ बीजेपी और विपक्ष के बीच तनाव को सामने लाता है। जहाँ सीआरपीएफ का कहना है कि यह पत्र सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए है, वहीं कांग्रेस इसे राजनीतिक दबाव का हथियार मान रही है। सवाल वही है कि क्या यह विवाद राहुल गांधी की 'वोट चोरी' मुहिम को प्रभावित करेगा या यह केवल एक अस्थायी विवाद बनकर रह जाता है।