कांग्रेस के वरिष्ठ नेता शशि थरूर द्वारा 1975 के आपातकाल पर लिखे गए एक लेख ने कांग्रेस में ही हलचल मचा दी है। पार्टी नेताओं ने ही थरूर को साफ़ साफ़ कह दिया है कि उन्हें पहले यह तय करना चाहिए कि वह किस पार्टी में हैं। हालाँकि, कांग्रेस ने इस पर आधिकारिक तौर पर कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है। लेकिन इस बीच, कांग्रेस और बीजेपी के बीच जुबानी जंग ज़रूर छिड़ गई है। तो क्या थरूर की सच में भविष्य को लेकर कोई नयी योजना है?
आपातकाल पर थरूर के लेख से बवाल, कांग्रेस नेता ने कह दिया- तो अपना रास्त देख लें...
- राजनीति
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- 11 Jul, 2025
शशि थरूर के आपातकाल पर लिखे लेख के बाद कांग्रेस के भीतर हलचल क्यों है? एक वरिष्ठ नेता ने यहां तक कह दिया कि अगर सोच नहीं मिलती तो 'अपना रास्ता देख लें'। जानिए विवाद की पूरी कहानी।

शशि थरूर को लेकर यह ताज़ा विवाद तब शुरू हुआ जब उन्होंने आपातकाल पर एक लेख लिखा। थरूर ने मलयालम दैनिक 'दीपिका' और वैश्विक मीडिया मंच 'प्रोजेक्ट सिंडिकेट' में प्रकाशित अपने लेख में 25 जून 1975 से 21 मार्च 1977 तक लागू रहे आपातकाल को 'लोकतंत्र का काला अध्याय' बताया। उन्होंने लिखा कि इस दौरान संवैधानिक अधिकारों का हनन, प्रेस पर सेंसरशिप, विपक्षी नेताओं की गिरफ्तारी, और मानवाधिकारों का उल्लंघन चरम पर था।