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मुझे भरोसा नहीं कि तीसरा या चौथा फ्रंट बीजेपी को चुनौती दे पाएगा: पीके

चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर उर्फ पीके ने कहा है कि उन्हें नहीं लगता कि कोई तीसरा या चौथा फ्रंट वर्तमान सत्ता के लिए चुनौती बन सकता है। उन्होंने एनडीटीवी से बातचीत में कहा है कि विपक्षी दलों के बनने वाले संभावित तीसरे या चौथे मोर्चे से उनका कोई लेना-देना नहीं है। 

प्रशांत किशोर की कंपनी का नाम इंडियन पॉलिटिकल एक्शन कमेटी (आई-पैक) है और यह कई राज्यों में अलग-अलग राजनीतिक दलों के लिए चुनावी रणनीति बना चुकी है। प्रशांत किशोर ने हाल ही में पश्चिम बंगाल के अलावा तमिलनाडु के विधानसभा चुनाव में भी रणनीति बनाने का काम किया और बंगाल में ममता के अलावा वहां डीएमके प्रमुख स्टालिन को जीत मिली। 

प्रशांत किशोर ने एनडीटीवी से कहा कि तीसरा या चौथा फ़ॉर्मूले को पहले भी आजमाया जा चुका है, यह पुराना पड़ चुका है और चालू दौर की राजनीति के लिए फ़िट नहीं होता। 

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पवार संग मुलाक़ात 

प्रशांत किशोर की बीते एक पखवाड़े में दो बार एनसीपी प्रमुख शरद पवार से मुलाक़ात हो चुकी है और इसे लेकर कयास लगाए जा रहे थे कि यह 2024 के लोकसभा चुनाव से पहले एंटी बीजेपी फ्रंट या तीसरा मोर्चा बनाने की कवायद है लेकिन किशोर ने अपने बयान से तीसरे मोर्चे की अटकलों पर पानी फेर दिया है। 

राष्ट्र मंच की बैठक 

बता दें कि दिल्ली में मंगलवार को विपक्षी दलों की एक बैठक बुलाई गई है। हालांकि इस बैठक में शामिल होने का निमंत्रण राष्ट्र मंच नाम के संगठन की ओर से भेजा गया है लेकिन यह बैठक इसलिए अहम है क्योंकि एनसीपी के मुखिया शरद पवार इसमें शामिल हो रहे हैं। बैठक में राष्ट्रीय मुद्दों पर चर्चा होगी, ऐसा बताया गया है। 

राष्ट्र मंच का गठन हाल ही में टीएमसी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष बने और पूर्व केंद्रीय वित्त मंत्री यशवंत सिन्हा द्वारा 2018 में किया गया था। 

प्रशांत किशोर ने यह भी कहा कि पवार के साथ उनकी यह मुलाक़ातें एक-दूसरे को और ज़्यादा जानने के लिए हो रही हैं। एनडीटीवी के मुताबिक़, किशोर ने कहा कि पवार के साथ हुई उनकी बैठकों में हार्ड कोर राजनीति पर चर्चा हुई न कि किसी तीसरे मोर्चे पर। 
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उन्होंने कहा कि बंगाल में ममता बनर्जी की जीत के बाद सारे विपक्षी दलों को यह संदेश गया है कि वे भी बीजेपी के साथ खड़े हो सकते हैं और उन्हें चुनौती दे सकते हैं। 

ममता बनर्जी ने हाल ही में प्रशांत किशोर की टीम के साथ अपने करार को 2026 तक के लिए बढ़ा दिया है। इससे पता चलता है कि ममता किशोर की टीम की अहमियत जानती हैं और उनकी नज़र 2024 के लोकसभा चुनाव पर भी है। 

किशोर 2014 के लोकसभा चुनाव में बीजेपी के लिए ‘चाय पर चर्चा’ कार्यक्रम सहित 2015 में एनडीए महागठबंधन, 2020 में आम आदमी पार्टी सहित कई दलों के लिए काम कर चुके हैं। उनका ट्रैक रिकॉर्ड शानदार रहा है। 

केसीआर ने भी की थी कोशिश 

तेलंगाना के मुख्यमंत्री और तेलंगाना राष्ट्र समिति के अध्यक्ष के. चन्द्रशेखर राव (केसीआर) ग़ैर-बीजेपी, ग़ैर-कांग्रेस दलों का राष्ट्रीय मोर्चा बनाने की कोशिश में हाथ-पांव मार चुके हैं। लोकसभा चुनाव 2019 से पहले भी केसीआर ने ऐसी ही कोशिश की थी। तब वह ममता बनर्जी, मायावती, अखिलेश यादव, नवीन पटनायक, पिनराई विजयन, स्टालिन, देवेगौड़ा जैसे दिग्गज नेताओं से भी मिले भी थे। लेकिन उस समय तेलुगु देशम पार्टी के मुखिया चंद्रबाबू नायडू ने केसीआर की कोशिश में अड़चनें पैदा कर दी थीं।

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क़मर वहीद नक़वी
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