वरुण गांधी
हालांकि वरुण ने कथित तौर पर अपने सहयोगियों से कहा कि भाजपा द्वारा आगामी आम चुनावों के लिए निर्वाचन क्षेत्र से उनकी जगह पूर्व कांग्रेस नेता जितिन प्रसाद को उम्मीदवार बनाए जाने के बाद वह "ठगा हुआ" महसूस कर रहे हैं।इंडिया टुडे ने सूत्रों के हवाले से बताया कि बीजेपी के अपमान के कारण वरुण गांधी शायद चुनाव नहीं लड़ेंगे। उन्होंने कहा कि 44 वर्षीय नेता अपना नामांकन पत्र दाखिल करने के लिए हाई-प्रोफाइल निर्वाचन क्षेत्र में भी नहीं आएंगे। लेकिन इसी के साथ उनके कांग्रेस या सपा में जाने की भी चर्चा है। कांग्रेस ने खुलकर उन्हें पेशकश भी कर दी है।
वरुण को कांग्रेस का ऑफर देते हुए अधीर रंजन चौधरी ने कहा- “वह (वरुण गांधी) एक साफ छवि वाले मजबूत नेता हैं और उनका गांधी परिवार से संबंध है। यही कारण है कि भाजपा ने उन्हें टिकट देने से इनकार कर दिया। मुझे लगता है कि उन्हें कांग्रेस में शामिल होना चाहिए। हमें बहुत खुशी होगी।''
सूत्रों ने बताया कि वरुण गांधी ने हाल ही में अपने सहयोगियों के जरिए नामांकन पत्र के चार सेट खरीदे हैं। उन्होंने आगे कहा कि उनकी पार्टी के सभी कार्यकर्ताओं को चुनाव प्रचार के लिए पीलीभीत के हर गांव में 2 वाहन और 10 मोटरसाइकिलें तैयार रखने के लिए कहा गया था। वरुण गांधी बुधवार यानी 27 मार्च को अपना नामांकन पत्र दाखिल कर सकते हैं। आगामी लोकसभा चुनाव के पहले चरण के लिए नामांकन पत्र दाखिल करने की आखिरी तारीख 27 मार्च है।
पार्टी के आलोचकः भाजपा के तमाम सांसद खुलकर अपनी बात नहीं कह पाते, वहीं वरुण अपनी पार्टी की आलोचना से भी नहीं चूके।वरुण गांधी ने कई मौकों पर उत्तर प्रदेश में योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व वाली सरकार की आलोचना की। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ पर परोक्ष रूप से निशाना साधते हुए, वरुण गांधी ने पिछले साल एक कार्यक्रम में कहा था कि पास खड़े एक साधु को परेशान न करें क्योंकि कोई नहीं जानता कि 'महाराज जी' कब मुख्यमंत्री बनेंगे। वरुण ने कहा था- "कृपया उन्हें मत रोकिए, पता नहीं कब 'महाराज जी' सीएम बन जाएं। फिर हमारा क्या होगा?"