loader

मोदी कमज़ोर हैं, चीन से डरते हैं, राहुल ने कहा, बीजेपी ने किया पलटवार

तकनीकी आधार पर चीन के अड़चन डालने की वजह से संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद ने अज़हर मसूद को वैश्विक आतंकवादी घोषित नहीं किया। इन पर देश में ज़बरदस्त राजनीति शुरू हो गई है। मुख्य विपक्षी दल कांग्रेस ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर जो़रदार हमला करते हुए उन्हें कम़जोर क़रार दिया है तो पलटवार करते हुए बीजेपी ने इस समस्या के लिए जवाहरलाल नेहरू को ज़िम्मेदार ठहराया है। 
राहुल गाँधी ने कहा कि 'यह नोमो की चीन कूटनीति की नाकामी है'। उन्होंने ट्वीट किया, 'कमज़ोर मोदी चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग से डरे हुए हैं। चीन ने भारत के ख़िलाफ़ काम किया, लेकिन मोदी के मुँह से एक शब्द नहीं निकला।' उन्होंने इस पर रोशनी डालते हुए कहा,  'नोमो की चीन कूटनीति है: 1. गुजरात में शी जिनपिंग के साथ झूला झूलना, 2. दिल्ली में शी को गले लगाना, 3.चीन में शी के सामने सिर झुकाना।' 
बीजेपी ने राहुल गाँधी पर ज़बरदस्त पलटवार किया है। पार्टी ने ट्वीट का जवाब ट्वीट से देते हुए कहा है, 'भारत आपके परिवार के किए तमाम भूलों को सुधार रहा है। यदि आपके परदादा ने चीन को यह तोहफा नहीं दिया होता तो चीन आज संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में नहीं होता। आप चीन के राजदूत के साथ गोपनीय ढंग से आराम से मजे करिए, यह मामला प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर छोड़ दीजिए।' 
बीजेपी ने कांग्रेस अध्यक्ष पर हमला करते हुए यह भी कहा कि जब भी देश को पीड़ा होती है, राहुल खुश होते हैं। मसूद अज़हर पर हो रहे वार-पलटवार के राजनीतिक मायने भी हैं। सत्तारूढ़ दल ने पुलवामा और बालाकोट हमलों के आधार पर उग्र राष्ट्रवाद का हौव्वा खड़ा कर दिया है ताकि वह लोगों की भावनाओं को भड़का कर वोट हासिल कर सके। इससे कांग्रेस हक्की-बक्की रह गई। मसूद अज़हर को वैश्विक आतंकवादी घोषित नहीं किए जाने के बहाने सरकार पर हमला करने का मौका कांग्रेस को मिला है और वह इसका फ़ायदा उठाना चाहती है। बीजेपी के पास इसका माकूल जवाब नहीं है तो वह हर बार की तरह इस बार भी देश की तमाम समस्याओं के लिए जवाहरलाल नेहरू को ज़िम्मेदार ठहरा रही है। 
सत्य हिन्दी ऐप डाउनलोड करें

गोदी मीडिया और विशाल कारपोरेट मीडिया के मुक़ाबले स्वतंत्र पत्रकारिता का साथ दीजिए और उसकी ताक़त बनिए। 'सत्य हिन्दी' की सदस्यता योजना में आपका आर्थिक योगदान ऐसे नाज़ुक समय में स्वतंत्र पत्रकारिता को बहुत मज़बूती देगा। याद रखिए, लोकतंत्र तभी बचेगा, जब सच बचेगा।

नीचे दी गयी विभिन्न सदस्यता योजनाओं में से अपना चुनाव कीजिए। सभी प्रकार की सदस्यता की अवधि एक वर्ष है। सदस्यता का चुनाव करने से पहले कृपया नीचे दिये गये सदस्यता योजना के विवरण और Membership Rules & NormsCancellation & Refund Policy को ध्यान से पढ़ें। आपका भुगतान प्राप्त होने की GST Invoice और सदस्यता-पत्र हम आपको ईमेल से ही भेजेंगे। कृपया अपना नाम व ईमेल सही तरीक़े से लिखें।
सत्य अनुयायी के रूप में आप पाएंगे:
  1. सदस्यता-पत्र
  2. विशेष न्यूज़लेटर: 'सत्य हिन्दी' की चुनिंदा विशेष कवरेज की जानकारी आपको पहले से मिल जायगी। आपकी ईमेल पर समय-समय पर आपको हमारा विशेष न्यूज़लेटर भेजा जायगा, जिसमें 'सत्य हिन्दी' की विशेष कवरेज की जानकारी आपको दी जायेगी, ताकि हमारी कोई ख़ास पेशकश आपसे छूट न जाय।
  3. 'सत्य हिन्दी' के 3 webinars में भाग लेने का मुफ़्त निमंत्रण। सदस्यता तिथि से 90 दिनों के भीतर आप अपनी पसन्द के किसी 3 webinar में भाग लेने के लिए प्राथमिकता से अपना स्थान आरक्षित करा सकेंगे। 'सत्य हिन्दी' सदस्यों को आवंटन के बाद रिक्त बच गये स्थानों के लिए सामान्य पंजीकरण खोला जायगा। *कृपया ध्यान रखें कि वेबिनार के स्थान सीमित हैं और पंजीकरण के बाद यदि किसी कारण से आप वेबिनार में भाग नहीं ले पाये, तो हम उसके एवज़ में आपको अतिरिक्त अवसर नहीं दे पायेंगे।
क़मर वहीद नक़वी
सर्वाधिक पढ़ी गयी खबरें

अपनी राय बतायें

राजनीति से और खबरें

ताज़ा ख़बरें

सर्वाधिक पढ़ी गयी खबरें